सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
कुछ घंटों में बिहार की सत्ता बदल चुकी है, लालू और नीतीश की जोड़ी टूट गई है, नितीश फिर से एनडीए के पाले में हैं और इस्तीफे के 15 घंटे के भीतर दोबारा सत्ता संभालने जा रहे हैं। इस पूरे मामले में एक किरदार सबसे ज्यादा चर्चा में रहा- सुशील मोदी का। सुशील मोदी ने लगातार खुलासों से भ्रष्टाचार के मामले पर लालू कुनबे को घेर लिया और बाद में सीबीआई और ईडी के छापों के बाद नितीश को मजबूर होकर आरजेडी से गठबंधन तोड़ना पड़ा।
बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने इसी साल 4 अप्रैल को लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का पहला आरोप लगाया। इसके बाद सुशील मोदी एक-एक कर लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार बम फोड़ते रहे। तेजस्वी, तेजप्रताप, मीसा भारती, रागिनी यादव, राबड़ी देवी और लालू को लेकर लगातार सुशील मोदी ने खुलासे किए।
सुशील मोदी ने पिछले कुछ सालों में लालू परिवार को करोड़ों के फ्री गिफ्ट को लेकर भी घेरा, इसमें तेजस्वी के नाम पर कई संपत्तियों के लेन-देन पर सवाल खड़े किए गए। सुशील मोदी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके भाई व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप की खुद और उनके परिवार की एक हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां हैं। इसके अलावा तेजस्वी और तेजप्रताप को चाचा और नाना से भी करोड़ों के उपहार मिले, जो जांच के दायरे में हैं। लालू की बेटी हेमा यादव और पत्नी राबड़ी देवी को उनके नौकर ललन चौधरी ने 2014 में करीब एक करोड़ रुपये की जमीन दान में दी थी, ललन के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है, ये भी जांच के दायरे में आ गये हैं।
सुशील मोदी ने विभिन्न जिलों में मर्डर, अपहरण, लूट की घटनाओं के मामलों पर सुशील मोदी ने सीधे आरजेडी को घेरा। नितीश सरकार पर हमला करते वक्त सुशील मोदी ये बताते कभी नहीं भूले कि जंगलराज की वापसी लालू के सत्ता में आने के कारण हुआ और पिछले काल में जब नितीश के साथ बीजेपी थी तब हालात कुछ और थे।
सुशील मोदी नितीश के साथ पिछले एनडीए सरकार में भी डिप्टी सीएम थे और अब फिर वे इस पद पर लौट रहे हैं। नितीश के साथ उनका तालमेल काफी अच्छा माना जाता है। बिहार में जंगलराज का मामला उठाते वक्त सुशील मोदी ने लगातार ये ध्यान रखा कि नितीश की छवि को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। सुशील मोदी ने एक तरफ लालू कुनबे को निशाने पर लिया तो वहीं नितीश को ऑफर भी दिया कि अगर वे लालू का साथ छोड़कर आते हैं तो उन्हें समर्थन के लिए बीजेपी तैयार है। बुधवार को जब नितीश ने लालू से अलग होने का ऐलान किया तो कुछ मिनटों के अंदर ही पटना से लेकर दिल्ली तक बीजेपी सक्रिय हो गई और कुछ मिनटों में ही समर्थन का ऐलान कर दिया गया।
जब देश की राजनीति मोदी के इर्द गिर्द फोकस होकर रह गई, ऐसे में सुशील मोदी का अभियान विपक्षी राजनीति के लिए एक बड़ा सबक साबित हो सकता है। बिहार में 2015 में चुनाव हारने के बाद ही सुशील मोदी ने जंगलराज खत्म करने का ऐलान किया और खुलासों के अभियान में लग गए, सुशील मोदी ने कोई बड़ी रैली नहीं की और कोई बंद औऱ विरोध-प्रदर्शन नहीं किया। दस्तावेजों के जरिए लगातार खुलासे किए और लालू उनके बेटे तेजस्वी और पूरे परिवार को भ्रष्टाचार के आरोपों में घेर लिया।