शिखा पाण्डेय,
नोट बंदी के बाद से तमाम मुसीबतों का सामना कर रही केंद्र सरकार अब भी इस प्रयास में लगी है कि काला धन रखने वाले लोग खुद अपने काले धन का खुलासा कर दें। सरकार ने कालाधन रखने वालों को एक आखिरी मौका दिया है। सरकार ने एक नयी योजना,’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ (पीएमजीकेवाई) लागू की है, जिसके तहत काला धन रखने वाले लोग मार्च 2017 तक, नोटबंदी के बाद अमान्य नोटों के रूप में जमा कराई गई राशि पर 50 प्रतिशत जुर्माना चुकाकर उसे वैध कर सकते हैं।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि यह नई योजना शनिवार, 17 दिसंबर से शुरू होगी, जिसके तहत कर चोरी करने वालों को गोपनीयता व अभियोजना से छूट की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराई गई राशि के बारे में यदि सरकार को जानकारी नहीं दी गई, तो ऐसे लोगों को कड़े जुर्माना और अभियोजना का सामना करना पड़ सकता है।
अधिया ने बताया कि नई घोषित योजना के तहत कालेधन की घोषणा नहीं कर बाद में आयकर रिटर्न में उसे आय के रूप में दिखाने पर कुल मिलाकर 77.25 प्रतिशत तक का जुर्माना व कर देना पड़ सकता है। यही नहीं, अगर किसी ने इस योजना के तहत व उसके बाद रिटर्न में भी इस तरह के धन का खुलासा नहीं किया, तो कर पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा तथा मुकदमा भी चलाया जाएगा।
अधिया ने कहा कि पीएमजीकेवाई योजना 17 दिसंबर को शुरू होगी और इसके तहत 31 मार्च 2017 तक घोषणाएं की जा सकेंगी। उन्होंने कहा, “17 दिसंबर से ज्यादातर बैंकों में पीएमजीकेवाई योजना का लाभ लेने हेतु कर जमा कराने का चालान उपलब्ध होगा। इसमें 50 प्रतिशत कर, जुर्माने का भुगतान तथा अघोषित राशि के 25 प्रतिशत हिस्से को चार साल के लिए अलग रखा जायेगा। इन्हीं शर्तों पर कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकेगा।”
अधिया ने बताया कि योजना के तहत इस तरह के धन पर पहले कर चुकाने होंगे और कर भुगतान प्राप्ति के आधार पर ही योजना का लाभ लिया जा सकेगा। इस योजना के तहत खुलासे को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और अघोषित राशि को वर्ष की आयकर रिटर्न में नहीं दिखाना होगा। आपको बता दें कि यह घोषणा ‘योजना कराधान नियम’ (दूसरा संशोधन) कानून, 2016 का हिस्सा है जिसे लोकसभा ने इसी महीने मंजूरी दी है और राष्ट्रपति ने इस पर मुहर भी लगा दी है।