शिखा पाण्डेय,
मुकेश अंबानी की नई कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम और अनिल अंबानी की कंपनी रिलांयस कम्युनिकेशंस के बीच अपने मोबाइल स्पेक्ट्रम बांटने पर सहमति बन गई है। रिलायंस कम्युनिकेशन के कर्ता धर्ता अनिल ने अपनी कंपनी और अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो के साथ वर्चुअल मर्जर (आभासी विलय) की घोषणा की है। मुंबई के बिड़ला मातोश्री में अपनी चार कंपनियों की सालाना आम बैठक के दौरान शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते हुए अनिल ने यह बात कही।
एजीएम में बोलते हुए अनिल ने बताया कि उनकी कंपनी ने 4जी सेवाओं को शुरू करने के 90 दिनों के भीतर 10 लाख उपभोक्ता जोड़ लिए हैं। उन्होंने कहा, ”हम दोनों भाई अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।”
अनिल ने बताया, ”हमारे पास 2जी, 3जी और 4जी स्पेक्ट्रम है, साथ ही रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग और समझौते भी किए गए हैं। सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए हमने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस जियो के बीच आभासी विलय पूरा कर लिया है।” जानकारी के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशंस के मोबाइल टावर इस्तेमाल करने के लिए जियो ने पहले ही समझौता कर रखा है। गौरतलब है कि धीरूभाई के निधन के बाद कई साल तक अनिल और मुकेश के बीच अनबन रही थी।
एयरसेल के रिलायंस कम्युनिकेशंस में विलय के बाद, अंबानी ने कहा कि अब उनकी कंपनी देश के 12 सर्कलों में टॉप ऑपरेटर बन जाएगी। जियो के साथ हुए इस समझौते से रिलायंस कम्युनिकेशंस को लागत कम करने में मदद मिलेगी। जहां अन्य टेलिकॉम कंपनियों को बाजार में बने रहने के लिए स्पेक्ट्रम पर भारी खर्च करना पड़ेगा, अनिल अंबानी ने दावा किया कि वह अपनी कंपनी पर भारी कर्ज को साल भर के भीतर ही 75 प्रतिशत से ज्यादा कम कर लेंगे।
आपको बता दें कि आज की एनुअल जनरल मीटिंग में अनिल अंबानी ने अपने बेटे अनमोल को कंपनी का नया डायरेक्टर बनाने की भी घोषणा की। अनिल अंबानी ने कहा कि उनके बेटे के “अनमोल प्रभाव” से कंपनी के स्टॉक में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह तरक्की आगे भी जारी रहेगी।