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Sunday, April 28, 2024
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शहाबुद्दीन की सीट को लेकर आरजेडी में टेंशन, हिना शहाब को मनाने में जुटे नेता

ब्यूरो | navpravah.com

पटना | आरजेडी ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 22 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बीते मंगलवार (09 अप्रैल) को इसकी लिस्ट जारी कर दी गई। महागठबंधन में आरजेडी के कोटे में 23 सीटें हैं लेकिन पार्टी ने सिर्फ 22 पर ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है जबकि एक सीट सीवान को छोड़ दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सीवान सीट को लेकर क्या आरजेडी कुछ अलग सोच रही है ?

अवध बिहारी चौधरी के साथ खेला ?

मंगलवार को आरजेडी विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पटना से ही यह ऐलान करते हुए निकले थे कि मैं टिकट लेकर आ रहा हूं। मुझे टिकट मिल गया है। जैसे ही यह सूचना मिली, उनके समर्थक सड़क पर उमड़ गए और जगह-जगह उनका भव्य स्वागत भी किया। एक लंबे रूट के साथ अवध बिहारी चौधरी ने पूरे जिले का भ्रमण किया लेकिन रात होते-होते पता चल गया कि उनका टिकट होल्ड पर रख दिया गया है।

हिना शहाब को टिकट देने की हो रही चर्चा-

अब सियासी गलियारे में चर्चा है कि आरजेडी इस सीट को फिर से हिना शहाब को दे सकती है। सूत्रों की मानें तो इसको लेकर अंदरखाने में चर्चा हो रही है। ऐसे में यह एक वजह हो सकती है कि आरजेडी ने सीवान से अभी किसी प्रत्याशी को फाइनल नहीं किया है। हिना शहाब ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वह लगातार क्षेत्र में जा रही हैं और आरजेडी के खिलाफ बयान भी दे रही हैं। उन्हें मनाने में राजद लगी हुई है।

‘शराब नीति बनाने और घूस लेने में शामिल थे अरविंद केजरीवाल’: दिल्ली हाईकोर्ट ने ED की गिरफ्तारी को माना जायज

संवाददाता| navpravah.com

नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केजरीवाल ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। उन्होंने अपनी याचिका के जरिए गिरफ्तारी और ईडी रिमांड का विरोध किया था। इस दौरान हाईकोर्ट ने केजरीवाल को झटका देते हुए कहा कि जांच एजेंसी द्वारा एकत्रित समाग्री से पता चलता है कि केजरीवाल ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची। 

कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज के मुताबिक केजरीवाल साजिश में शामिल हैं। गवाहों पर शक करना कोर्ट पर शक करने जैसा है। मुख्यमंत्री को विशेषाधिकार नहीं है। जांच, पूछताछ से सीएम को छूट नहीं मिलेगी। कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी और अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी के मामले से यह भी पता चलता है कि वह निजी तौर पर आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर भी शामिल थे।

सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध- एएसजी एसवी राजू

दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी एसवी राजू ने कहा, ‘आज जज ने सभी सबूत देखने के बाद फैसला सुनाया और कोर्ट ने भी कहा उस मनी ट्रेल का पता चल गया है। कोर्ट ने आज न्याय किया है और कोर्ट ने कहा है कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध है।’

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजे जाने को भी चुनौती दी थी. ईडी की हिरासत के बाद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। 

ईडी ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. ईडी की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद आप नेता को एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। यह नीति रद्द की जा चुकी है। 

भाजपा ने कहा- अरविंद भ्रष्टाचारी हैं, AAP बोली- एक पैसा रिकवरी नहीं हुई

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा- अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी हैं और वे जेल में ही रहेंगे। केजरीवाल जी की याचिका कहती थी कि उन्हें अवैध रूप से अरेस्ट किया गया, उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा- ED या CBI को एक रुपए की गैरकानूनी रिकवरी नहीं हुई।

मैनिफेस्टो जारी कर चौतरफा घिरी कांग्रेस; जानिये घोषणा -पत्र को मुस्लिम लीग से क्यों जोड़ा जा रहा हैं?

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नृपेंद्र कुमार मौर्य। navpravah.com

नई दिल्ली। लोकसभा के चुनावी रण में जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख करीब आ रहा सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। हाल ही में कांग्रेस ने इस चुनाव को लेकर पार्टी का घोषणा-पत्र जारी किया। कांग्रेस ने इसका नाम न्याय पत्र दिया है, जिसमें 5 ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ का जिक्र किया गया है। हालांकि, कांग्रेस का न्याय पत्र सामने आते ही बीजेपी ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘मुस्लिम लीग की छाप’ नजर आ रही। पीएम मोदी ने पहले बिहार के नवादा, फिर यूपी के सहारनपुर और इसके बाद पुष्कर रैली में भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के समय मुस्लिम लीग में थी। जैसे ही ये मुद्दा उठा तो कांग्रेस ने इसे लेकर चुनाव आयोग से शिकायत कर दी।

कांग्रेस की दिक्कत ये है कि वह एक अकेली ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जिसमें वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारों दोनों का दखल रहता है। ब्रिटेन और अमेरिका की तर्ज पर बने जिन-जिन अन्य देशों में लोकतंत्र है, वहां लिबरल और कंजरवेटिव विचारों के लोग अपने-अपने पालों में रहते हैं। वे अपने निजी फायदों के लिए पार्टी नहीं बदलते। परंतु भारत में मध्यम मार्ग पर जोर रहा है, इसलिए शुरू से दोनों तरह की विचारों वाले नेता इस संगठन में रहे हैं। आजादी के पहले कांग्रेस एक राजनैतिक दल कम अंग्रेजों से आजादी चाहने वाला नरम दलीय संगठन रहा है। कांग्रेस धरने-प्रदर्शन से आजादी चाहती थी। इसलिए कांग्रेस ने सशस्त्र क्रांति की बजाय सदैव शांति का रास्ता चुना। शायद इसके पीछे 1857 की वह क्रांति रही होगी, जिसे अंग्रेजों ने बर्बरतापूर्वक दबा दिया था।

पहले समझते हैं बीजेपी को क्यों नजर आ रही है ‘मुस्लिम लीग की छाप’

कांग्रेस के मेनिफेस्टो जारी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर पार्टी पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने इस दौरान कहा, ‘कांग्रेस, जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी थी वो तो दशकों पहले ही खत्म हो चुकी है। अभी जो कांग्रेस बची है, उसके पास न तो एक भी ऐसी नीति है जो देश हित में हैं और न ही राष्ट्र निर्माण का विजन।’पीएम मोदी इसी संबोधन में आगे कहते हैं, ‘कल कांग्रेस ने जिस तरह का घोषणा पत्र जारी किया है, उससे ये साबित हो चुका है कि वर्तमान की जो कांग्रेस है वो आज आज के भारत के आशाओं-आकांक्षाओं से पूरी तरह कट चुकी है।’

पीएम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी. इस पार्टी के न्यायपत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है।

घोषणा पत्र पर भाजपा के आरोप पड़े भारी

भाजपा को इसी पर हमला करने से फायदा होता दिख रहा है। इस घोषणापत्र को मुस्लिम लीग के घोषणापत्र से जोड़ कर भाजपा ने अपनी बहुत सारी नाकामियों को छुपा भी लिया है। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को समाप्त कर पुरानी सेना भर्ती प्रणाली बहाल करने की घोषणा की है। निश्चित तौर पर कांग्रेस का यह वायदा भाजपा को भारी पड़ता। मगर अब कांग्रेस अपने मुस्लिम परस्त न होने की सफाई दे रही है। इसी तरह वन रैंक वन पेंशन के मामले में उसने यूपीए सरकार के आदेश पर अमल की घोषणा की है। इसकी भी देश के पूर्व सैनिकों पर सकारात्मक असर पड़ता। कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर कांग्रेस ने दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 में संशोधन की भी बात की है।

यूं कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के किसी भी बिंदु से किसी की अवमानना अथवा किसी भी समुदाय का मनोबल अनधिकृत रूप से बढ़ाने की बात नहीं किया है। पर उसके समक्ष जो राजनीतिक पार्टी है, उसके चातुर्य और उसकी रणनीति में कांग्रेस उलझ गई है। चुनाव आयोग से शिकायत उसने भले की हो और आयोग का फैसला कुछ भी आए किंतु कांग्रेस उलझ तो गई ही है। किसी भी स्पष्ट लाइन के न होने का अनावश्यक रूप से नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। भाजपा तो चाहती ही है कि चुनाव में उसे बहुसंख्यकों के अंदर भय पैदा करने का अवसर मिल जाए। और सत्य यह है कि फिलहाल इस मुद्दे को लेकर भाजपा और हमलावर होगी। वह कांग्रेस को मुस्लिम लीग की तर्ज पर चलने का आरोप और तेजी से लगाएगी।

सीपीआई (M) ने जारी किया अपना घोषणापत्र, CAA लेंगे वापस

ब्यूरो | navpravah.com

नई दिल्ली | देश की प्रमुख वामपंथी राजनीतिक पार्टियों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बीते गुरुवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को हराने का आह्वान दोहराया गया है और वामपंथ को मजबूत करने का संकल्प किया गया हैं।

आपको बताते चलें कि सीपीआई एम के पास निचले सदन में मात्र 3 सीटें हैं और उसने अपने 44 पन्नों के घोषणापत्र में अपने देश विरोधी मंसूबों को सामने रखा हैं। सीपीआई एम ने वादा किया है वो मोदी सरकार द्वारा लाए गए दूरदर्शी शिक्षा नीति को भी हटाएंगे। उनकी पूरे घोषणापत्र से देशविरोधी बातों की बू आ रही है, चलिए समझते है उनके वादें और घोषणाओं को-

पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात, बृंदा करात और नीलोत्पल बसु की मौजूदगी में वादा किया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ये है मुख्य वादें और घोषणाएं – 

सीपीआई एम ने वादा किया है वो अग्निपथ योजना को खत्म करेंगें और जल्द ही एक नई प्रक्रिया से सेना में भर्ती को शुरू करवाएंगे।

पार्टी ने संपत्ति कर, विरासत कर और बढ़े हुए कारपोरेट कर जैसे उपायों के साथ बढ़ती असमानता को दूर करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने, जातिवार गणना कराने, नागरिकता संशोधन अधिनियम को खत्म करने के लिए प्रयास करने का वादा किया है। मनरेगा के तहत 700 रुपये की न्यूनतम मजदूरी देने, एक कैलेंडर वर्ष में उपलब्ध कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाकर 200 दिन करने, अग्निपथ योजना खत्म करने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली का भी वादा किया है।

इस घोषणापत्र में पार्टी ने सभी कथित काले कानूनों जैसे यूएपीए कानून और पीएमएलए कानून को खत्म करने का एलान किया है। सीपीएम ने मतदाताओं से अपील की कि केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष पार्टी का गठन सुनिश्चित करें। पार्टी ने कहा कि संसद में सीपीएम की मजबूत मौजूदगी जरूरी है। सीपीएम ने अमीरों पर टैक्स लगाने का भी वादा किया है। सीपीएम ने मनरेगा में बजट आवंटन दोगुना करने का भी एलान किया है। साथ ही शहरों के लिए भी मनरेगा की तर्ज पर नौकरी की गारंटी वाली योजना लाई जाएगी। माकपा ने सरकारी उपक्रमों के निजीकरण को भी वापस लेने, किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का भी एलान किया। सीपीएम ने राजनीतिक पार्टियों को उद्योगों से चंदा लेने पर रोक लगाने का भी वादा किया।

अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने का किया वादा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के विवादास्पद संवैधानिक प्रावधानों को बहाल करके केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में अशांति वापस लाने का आश्वासन दिया है, जिन्हें अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने रद्द कर दिया था।

बंगाल में जंगलराज: ED के बाद NIA की टीम पर हमला, तीन की हालत गंभीर

ब्यूरो | navpravah.com

नई दिल्ली | स्वामी विवेकानंद, रविंद्रनाथ टैगोर, राजा राम मोहन रॉय जैसे महान विभूतियों की धरती पश्चिम बंगाल इन दिनों हिंसा की लपेट में जल रही है। जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री एक महिला हैं, उसी प्रदेश में महिला सबसे ज्यादा असुरक्षित है। जिन एजेंसियों की नियुक्तियां दूसरों की सुरक्षा के लिए किया गया है, आज उनकी भी सुरक्षा पर पश्चिम बंगाल में सवाल उठ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। पहले प्रवर्तन निदेशालय और अब एनआईए की टीम पर हमला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।

एनआईए के काफिले में शामिल कार को घेरकर उस पर हमला किया गया। इस हमले में काफिले में शामिल एक कार का शीशा तोड़ दिया गया। बता दें कि इससे पहले संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय की टीम को निशाना बनाया गया था, अब पूर्वी मिदनापुर में एनआईए पर हमले की घटना सामने आई है। एनआईए की टीम कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर शनिवार को जांच के लिए वहां पहुंची थी। इस दौरान जांच एजेंसी ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि इस हमले में १५० से अधिक लोगों के शामिल होने की जानकारी है। इस हमले में केंद्रीय जांच एजेंसी के ३ अधिकारियों के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर हैं। 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एनआईए के अधिकारियों की एक टीम 3 दिसंबर, 2022 को भूपतिनगर ब्लास्ट मामले की जांच के लिए भूपतिनगर गई थी। दो स्थानीय टीएमसी नेताओं की पहचान मोनोब्रता जाना और बलाईलाल मैती के रूप में की गई, जिन्हें एनआईए टीम ने गिरफ्तार किया।

3 दिसंबर, 2022 को पूर्व मेदिनीपुर के नदुविला गांव के राजकुमार मन्ना के दो मंजिला घर में विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन बाद में एनआईए ने घटना की जांच अपने हाथ में ले ली। हाल ही में 30 मार्च को आठ तृणमूल कांग्रेस नेताओं को विस्फोट के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

यह घटना सुबह करीब 5.30 बजे की है। एनआईए टीम की ओर से मनबेंद्र जाना और अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। एनआईए अधिकारी मोनोब्रोतो जाना को ही गिरफ्तार करने मौके पर पहुंचे थे। एनआईए सूत्र ने बताया कि छापेमारी से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया था, फिर भी उचित सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई। घटना के संबंध में एनआईए द्वारा स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई है।

एनआईए अधिकारी द्वारा दायर शिकायत के आधार पर, भूपतिनगर पुलिस स्टेशन द्वारा मुख्य आरोपी मोनोब्रोतो जाना, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 332, 353, 186, 323, 427, 34 और पीडीपीपी अधिनियम (Prevention of Damage to Public Property Act, 1984) की धारा 3 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. उग्र भीड़ द्वारा पत्थरबाजी के बीच एजेंसी ने मोनोब्रोतो जाना को गिरफ्तार कर लिया है।

कर्जमाफी, आरक्षण, जातिगत जनगणना… कांग्रेस के घोषणापत्र की पूरी डिटेल!

संवाददाता। navpravah.com

नई दिल्ली। कांग्रेस आगामी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ का वादा किया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस मुख्यालय में घोषणापत्र जारी किया गया। कांग्रेस के अनुसार, घोषणापत्र में पार्टी के पांच न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- को शामिल किया गया है।

सभा में मौजूद सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पी चिंदबंरम समेत सभी लोगों ने तालियां बजाईं। कांग्रेस के घोषणापत्र पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी का यह घोषणापत्र देश के राजनीतिक इतिहास में ‘न्याय के दस्तावेज’ के रूप में याद किया जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई गई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ इसी पर केंद्रित थी। यात्रा के दौरान पांच स्तंभों- युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गई। इन पांच स्तंभों में से 25 गारंटी निकलती हैं और हर 25 गारंटी में किसी न किसी को लाभ मिलता है।

कांग्रेस की गारंटी

30 लाख नौकरी का वादा

5000 करोड़ का युवा स्टार्ट अप फंड

अग्निवीर योजना बंद करने का वादा

केंद्र में खाली पद भरने का वादा

गरीब महिलाओं को 1 लाख रुपये हर साल

किसानों के लिए MSP की गारंटी

जातिगत जनगणना, इसके आधार पर आरक्षण

आरक्षण से 50% की सीमा हटाई जाएगी

सेना के लिए OROP का वादा

रेल टिकट पर बुजुर्गों को रियायत

IPL 2024: क्या पंजाब के किंग्स पर भारी पड़ेंगे शुभमन के धुरंधर ?

संवाददाता| navpravah.com

नई दिल्ली| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2024) में आज टूर्नामेंट का 17वां मैच खेला जाएगा। इस मैच में गुजरात टाइटंस की टक्कर पंजाब किंग्स से होगी। मुकाबला गुजरात टाइटंस के घर यानी अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने जा रहा है। ऐसे में गुजरात का पलड़ा जरूर भारी रहेगा। मैच शाम 7.30 बजे से शुरू होगा।

टूर्नामेंट में अब तक गुजरात की टीम पंजाब से बस एक कदम आगे है। आज के मैच में गुजरात टाइटंस की अगुवाई करेंगे युवा भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल, वहीं दूसरी तरफ पंजाब किंग्स की जिम्मेदारी उनके अनुभवी कप्तान शिखर धवन के कंधों पर होगी जिनसे अब भी एक बड़ी पारी का इंतजार है।

कैसे खेलती है अहमदाबाद की पिच?

गुजरात टाइटंस और पंजाब किंग्स के बीच रोमांचक मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैदान पर आमतौर पर बल्लेबाजों का एकतरफा बोलबाला रहता है। हालांकि, आखिरी मैच में पिच थोड़ी धीमी खेली थी। गेंद बल्ले पर रुककर आ रही थी, जिसकी वजह से शॉट लगाने में बल्लेबाजों को परेशानी हो रही थी। इस सीजन खेले गए दोनों ही मैच में कोई भी टीम 170 का आंकड़ा नहीं छू सकती है।

गुजरात टाइटंस की संभावित प्लेइंग इलेवन : शुभमन गिल (कप्तान), रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), बी साई सुदर्शन, अजमतुल्लाह उमरजई, डेविड मिलर, शाहरुख खान/विजय शंकर, राहुल तेवतिया, राशिद खान, नूर अहमद, मोहित शर्मा।

पंजाब किंग्स की संभावित प्लेइंग इलेवन : शिखर धवन (कप्तान), जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), प्रभसिमरन सिंह, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), सैम करन, लियाम लिविंगस्टोन, हर्षल पटेल, हरप्रीत बराड़, कागिसो रबाडा, राहुल चाहर, अर्शदीप सिंह।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में भगदड़, 24 घंटों में 3 बड़े नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस

संवाददाता। navpravah.com

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ और बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संजय मयूख की मौजूदगी में गौरव वल्लभ और अनिल शर्मा ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

इसी के साथ लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने 3 बड़े चेहरे गंवा दिए है। कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके बॉक्सर विजेंदर सिंह भी कल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के बड़े चेहरे संजय निरुपम ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस छोड़ने पर गौरव का बयान

लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान से गौरव वल्लभ का पलायन कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने का आरोप लगाया है। गौरव वल्लभ ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उससे मैं खुद को असहज महसूस कर रहा हूं इसलिए मैं पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।

महाराष्ट्र से संजय निरुपम ने भी दिया इस्तीफा

वहीं पार्टी से तनातनी के बीच महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना का दामन थामेंगें।

बता दें कि गौरव वल्लभ ने पार्टी से आज ही इस्तीफा दिया, इस दौरान उन्होंने कहा कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। जीके कारण पार्टी में बना रहना मुश्किल है।

विजेंदर का कांग्रेस को ‘पंच’, बीजेपी में शामिल हुए

संवाददाता| navpravah.com

नई दिल्ली| कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लग गया। बॉक्सर विजेंदर सिंह पार्टी छोड़ कर, भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। महासचिव विनोद तावड़े, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और दक्षिण दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में विजेंदर सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

बीजेपी में शामिल होने के बाद बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा, “मैं देश के विकास और जनता की सेवा के लिए आज बीजेपी में शामिल हुआ हूं।” उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होकर उनकी घर वापसी हो गई।

विजेंदर सिंह ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दक्षिण दिल्ली से लड़ा था। हालांकि, वो बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से चुनाव हार गए थे. बिधूड़ी को 6 लाख 87 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा को 3 लाख 19 हजार से ज्यादा और विजेंदर को 1 लाख 64 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।

जेल से आज रिहा हो जाएंगे संजय सिंह, पासपोर्ट होगा ज़ब्त

Sanjay Singh

Bureau : navpravah.com

नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायलय से राहत मिलने के बाद आज राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से रिहा कर दिए जाएंगे। निचली अदालत से सांसद संजय सिंह को सशर्त ज़मानत मिली है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि वे केस को लेकर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। संजय सिंह को निचली अदालत ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर राहत दी है।

आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह के वकील ऋषिकेश कुमार ने बताया कि बेल की शर्तों में केस को लेकर कोई टिप्पणी न करना, कहीं जाते समय अपना लोकेशन शेयर करना, बिना अनुमति दिल्ली-एनसीआर न छोड़ने और देश छोड़कर न जाना शामिल है। यही नहीं, उन्हें स्पष्ट कहा गया है कि वे अपना पासपोर्ट भी जमा करें। न्यायलय ने संजय सिंह को हिदायत दी है कि वे केस से सम्बंधित किसी तरह की कोई भी चर्चा किसी से न करें। उनके वकील ने बताया कि न्यायलय से कुछ देर में रिलीज़ ऑर्डर तैयार हो जाएगा और तिहाड़ जेल में जाएगा। संभवतः संजय आज शाम तक जेल से बाहर आ जाएंगे।

जानिए, दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने संजय सिंह को किन शर्तों के साथ जमानत दी है –

* कहीं भी जाते वक्त अपने मोबाइल फोन का लोकेशन ऑन रखना होगा।
* देश छोड़कर नहीं जा सकते, पासपोर्ट जमा करना होगा।
* दिल्ली शराब घोटाला मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने पर रोक।
* सबूतों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं कर सकते।
* दिल्ली-एनसीआर बिना इजाजत छोड़कर नहीं जा सकते।