ब्यूरो | navpravah.com
नई दिल्ली | देश की प्रमुख वामपंथी राजनीतिक पार्टियों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बीते गुरुवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को हराने का आह्वान दोहराया गया है और वामपंथ को मजबूत करने का संकल्प किया गया हैं।
आपको बताते चलें कि सीपीआई एम के पास निचले सदन में मात्र 3 सीटें हैं और उसने अपने 44 पन्नों के घोषणापत्र में अपने देश विरोधी मंसूबों को सामने रखा हैं। सीपीआई एम ने वादा किया है वो मोदी सरकार द्वारा लाए गए दूरदर्शी शिक्षा नीति को भी हटाएंगे। उनकी पूरे घोषणापत्र से देशविरोधी बातों की बू आ रही है, चलिए समझते है उनके वादें और घोषणाओं को-
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात, बृंदा करात और नीलोत्पल बसु की मौजूदगी में वादा किया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ये है मुख्य वादें और घोषणाएं –
सीपीआई एम ने वादा किया है वो अग्निपथ योजना को खत्म करेंगें और जल्द ही एक नई प्रक्रिया से सेना में भर्ती को शुरू करवाएंगे।
पार्टी ने संपत्ति कर, विरासत कर और बढ़े हुए कारपोरेट कर जैसे उपायों के साथ बढ़ती असमानता को दूर करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने, जातिवार गणना कराने, नागरिकता संशोधन अधिनियम को खत्म करने के लिए प्रयास करने का वादा किया है। मनरेगा के तहत 700 रुपये की न्यूनतम मजदूरी देने, एक कैलेंडर वर्ष में उपलब्ध कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाकर 200 दिन करने, अग्निपथ योजना खत्म करने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली का भी वादा किया है।
इस घोषणापत्र में पार्टी ने सभी कथित काले कानूनों जैसे यूएपीए कानून और पीएमएलए कानून को खत्म करने का एलान किया है। सीपीएम ने मतदाताओं से अपील की कि केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष पार्टी का गठन सुनिश्चित करें। पार्टी ने कहा कि संसद में सीपीएम की मजबूत मौजूदगी जरूरी है। सीपीएम ने अमीरों पर टैक्स लगाने का भी वादा किया है। सीपीएम ने मनरेगा में बजट आवंटन दोगुना करने का भी एलान किया है। साथ ही शहरों के लिए भी मनरेगा की तर्ज पर नौकरी की गारंटी वाली योजना लाई जाएगी। माकपा ने सरकारी उपक्रमों के निजीकरण को भी वापस लेने, किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का भी एलान किया। सीपीएम ने राजनीतिक पार्टियों को उद्योगों से चंदा लेने पर रोक लगाने का भी वादा किया।
अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने का किया वादा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के विवादास्पद संवैधानिक प्रावधानों को बहाल करके केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में अशांति वापस लाने का आश्वासन दिया है, जिन्हें अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने रद्द कर दिया था।