ब्यूरो,
काबुल में गिरफ्तार दो आतंकियों ने दिल्ली में रहकर धमाके की साजिश रचने का सनसनीखेज़ खुलासा किया है। अब इन दोनों को काबुल से लाने की राजनयिक कोशिश की जा रही है।
ये आतंकी दिल्ली और आसपास के इलाके में दहशत फैलाने के इरादे से छह महीने पहले भारत आए थे। दिल्ली का इस्कॉन मंदिर, कई भीड़ भरे इलाके, शॉपिंग मॉल, साथ ही आगरा का ताजमहल भी इनके निशाने पर थे।
हाल ही में अफगानिस्तान में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में हुए आतंकी हमले के बाद काबुल पुलिस ने दोनों को पकड़ा था। हमले के दौरान इन्होंने दीवार पर लिखा था-‘अफजल गुरु का बदला’।
इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में जो सनसनीखेज खुलासे हुए उसने भारतीय खुफिया एजेंसीयों और दिल्ली पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। पता चला कि ये लोग बम धमाके करने के इरादे से बाकायदा दिल्ली आए थे। यहां आकर इन लोगों ने बम बनाने का सामान खरीदा और छह कैमिकल आईईडी यानि बम भी बनाए।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक जैश के इन दोनों आतंकवादियों को आईएसआई के एक कैंप में केमिकल आईईडी बनाने की ट्रेनिंग दी गई, फर्जी पासपोर्ट बनवाए गए और मेडिकल वीजा के नाम पर ये लोग नवबंर 2015 में दिल्ली आ गए, जहां लाजपत नगर में किराए का मकान भी दिलवा दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि इन आतंकवादियो के सहयोगियों ने इनकी बाकायदा पुलिस जांच इस लिए करा दी थी, जिससे इनके ऊपर किसी को शक ना हो सके। इस बात की जांच की जा रही है कि इस काम में कौन से पुलिसकर्मी और अन्य लोग शामिल थे।
दरअसल दिल्ली में लिए किराए के घर में एक आईईडी में बारूद भरते समय धुंआ निकलने लगा था। दोनों ने आईईडी को टॉयलेट के फ्लश में बहा दिया, लेकिन तब तक काफी धुआं फैल चुका था। पोल खुलने के डर से दोनों चुपके से भाग निकले और सीधे काबुल पहुंच गए। लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियों को दोनों के रहने और फिर भाग निकलने की खबर नहीं थी।
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों से पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की एक टीम काबुल गई थी। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर इनके सहयोगियों को भी गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।