जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पश्चिमी जापान के नारा शहर में शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।
रविवार को जापान के उच्च सदन में चुनाव हुए एवं चुनाव के परिणाम में दिवंगत पीएम की पार्टी ने सदन में 76 सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत कायम रखने में सफल रही। इस चुनाव में लगभग 52.05 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जों कि 2019 चुनाव के मुकाबले अधिक थी। जापान की क्योदो समाचार एजेंसी के मुताबिक, प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की पार्टी एलडीपी के पास 248 सदस्यों वाले ऊपरी सदन में 166 से अधिक सीटें हो गई हैं। एलडीपी गठबंधन का 2013 के बाद से ये सबसे बेहतर प्रदर्शन है। वहीं, जापान की प्रमुख विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 23 सीटें थीं, वह अब 20 के नीचे पहुंच गई है। हालांकि जीत के बाद भी एलडीपी के नेतागणों पर एक मायूसी साफ झलक रही थी। रविवार रात प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और एलडीपी के बाकी पदाधिकारीगण मीडिया से रूबरू हुए और आबे के निधन के चलते शोक स्वरूप रिबन के साथ काले रंग की टाई और कपड़े पहन रखे थे। इन नेताओं ने मौन रखकर आबे को श्रद्धांजलि दी। जब पीएम किशिदा ने आबे की तस्वीर पर गुलाबी फूल चढ़ाए तो उनके चेहरे पर जीत की खुशी नहीं बल्कि शिंजो आबे को खोने का ग़म साफ दिखाई दे रही थी।
पीएम किशिदा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा ने चुनाव प्रक्रिया व लोकतंत्र की नींव को खतरे में डाल दिया, ‘मैं हर कीमत पर ये चुनाव कराने के लिए दृढ़ था”
चुनाव में मिली जीत के बाद पीएम किशिदा के समक्ष चुनौतियां भरपूर होंगी।
वर्तमान में जापान कई मोर्चों पर कठिनाइयों से जूझ रहा हैं, देश की आर्थिक स्थिति दुरुस्त नहीं हैं, महंगाई अपने चरम पर हैं नए पूंजीवाद, कूटनीति, सुरक्षा, संविधान संशोधन जैसे मुद्दों किशिदा के लिए मुश्किल भङे दौर का सफर लंबा कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि वे इस दिशा में काम जारी रखेंगे। द जापान टाइम्स के अनुसार रविवार की जीत किशिदा सरकार के लिए एक नई शुरुआत है। वे अपनी कैबिनेट में भी फेरबदल करने पर विचार कर रहे हैं। कैबिनेट में वे सितंबर में बदलाव कर सकते हैं।