अमित द्विवेदी,
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया है। अपने देशवासियों को सुरक्षा दे पाने में नाकाम रही पाकिस्तानी सरकार ने कश्मीर मामले पर पुनः हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। बुधवार को शरीफ ने कहा कि कश्मीर भारत का निजी मामला नहीं है। इसलिए वे घाटी वालों को न्याय दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
बुधवार को नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि कश्मीर की परेशान जनता को न्याय दिलाना उनका दायित्व है। शरीफ ने कहा कि कश्मीर की जो स्थिति है, वे उसे विश्व के सामने रखने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। भारत कश्मीर के मामले को अपना निजी मामला कहकर बरगलाने की कोशिश न करे।
संयुक्त राष्ट्र की आगामी महासभा की तैयारी के लिए शरीफ ने एक मीटिंग की। मीटिंग में विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, विशेष सहायक तारिक फातमी, विदेश सचिव ऐजाज़ अहमद चौधरी, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
शरीफ ने कश्मीर मामले में आगे कहा कि कश्मीरियों की आवाज बनना मेरा दायित्व है। प्रधानमंत्री शरीफ के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में यह माना गया कि ‘कश्मीर संयुक्त राष्ट्र का अधूरा एजेंडा है और तदनुसार भारत को यह समझना चाहिए कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला नहीं है, इसके बजाय वह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय है।
हालाँकि इस मामले पर कुछ राजनीतिज्ञों का मानना है कि शरीफ ने पाकिस्तान में ही अपने गिरते ग्राफ को देखते हुए , ये बातें योजनाबद्ध तरीके से कहीं हैं। जिससे पाकिस्तान के कट्टर माहौल में उन्हें भी तरजीह दी जाए। इस मामले पर भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान को अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए, उसे सीमा पार झाँकने का कोई अधिकार नहीं है।