इशिका गुप्ता | navpravah.com
नई दिल्ली | बांग्लादेश में दुर्गा पूजा से पहले हिन्दू समुदाय को सरकार ने तालिबानी फ़रमान जारी किया है। बांग्लादेशी सरकार ने हिंदुओं को अज़ान के पाँच मिनट पहले ही पूजा-पाठ बंद करने का आदेश जारी किया है। यही नहीं, सरकार ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने बांग्लादेश पर राष्ट्रगान थोप दिया है।
बांग्लादेश में धार्मिक गतिविधियों पर नये प्रतिबंधों के तहत भजन और आरती भी शामिल हैं। एक वीडियो में बांग्लादेशी अधिकारी ने चेतावनी दी है कि जो लोग इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा।
शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश में नई सरकार ने हिन्दू और भारत विरोधी एजेंडे को अपनाया है। हिन्दू समुदाय को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अजान से 5 मिनट पहले अपनी पूजा-पाठ बंद कर दें, नहीं तो गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें। साथ ही, बांग्लादेशी राष्ट्रगान को भारत द्वारा बनाए जाने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
पहला मामला हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इसी मुद्दे को लेकर ISKCON के प्रवक्ता राधारमण दास ने 10 सितंबर, 2024 को अपने ‘X’ हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को उन्होंने बांग्लादेश के गृहमंत्री का सलाहकार बताया है। दावा किया गया है कि इस व्यक्ति ने बांगला भाषा में हिन्दुओं को चेतावनी दी है कि वे अजान से 5 मिनट पहले अपने पूजा-पाठ बंद कर दें।
दूसरे मामले में, बांग्लादेश के मजहबी मामलों के सलाहकार AFM खालिद हुसैन ने देश के राष्ट्रगान पर सवाल उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 7 सितंबर, 2024 को उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का वर्तमान राष्ट्रगान भारत द्वारा 1971 में थोपा गया था। खालिद हुसैन ने यह भी बताया कि फिलहाल नई सरकार का राष्ट्रगान बदलने का कोई इरादा नहीं है। इससे पहले, बांग्लादेश के अब्दुल्लाही अमान आज़मी ने राष्ट्रगान बदलने की मांग की थी और नई सरकार से इस संबंध में कदम उठाने की अपील की थी।