1400 साल पुराने नियमों को खत्म करने की जरूरत है – तसलीमा नसरीन

सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक को खत्म करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह महिलाओं की आजादी नहीं है, तीन तलाक खत्म होने से क्या महिलाएं आजाद है, क्या उन्हें अपना हक मिल जाएगा. हमे अभी इससे आगे जाकर 1400 साल पुराने कुरान के नियमों को खत्म करने की जरूरत है।
तसलीमा ने ट्वीट किया, तीन तलाक को खत्म करना महिलाओं की आजादी नहीं है, महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है, उन्हें उनका सम्मान दिलाने की जरूरत है, तसलीमा ने कहा, पूरा इस्लाम का कानून या शरिया कानून खत्म किया जाना चाहिए।

एक साथ किए गए कई ट्वीट में तसलीमा ने कहा, सिर्फ तीन तलाक ही क्यों? सभी धार्मिक कानूनों को मानवता के लिए खत्म किया जाना चाहिए, ताकि महिलाओं और पुरूषों को समाज मे एक तरह का दर्जा प्राप्त हो, महिलाऐं भी पुरूषों के साथ कदम मिलाकर चल सकें।तसलीमा ने कहा, तीन तलाक कुरान में नहीं है। क्या इस वजह से इसे हटाया गया है? कुरान में बहुत सारे अन्याय व असमानताएं हैं, तो क्या उसे रखा जाना चाहिए? क्या उसे मानते रहना चाहिए।

अदालत का फैसला आने से पहले लेखिका ने ट्वीट किया था, भारत के प्रगतिशील लोग तीन तलाक को खत्म किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। मंगलवार को सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि यह इस्लाम का हिस्सा नहीं है।

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