कमल थापा ने पत्र को शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा, शाबाश! वहीं नेपाल द्वारा भारत को दिए गए जवाब को लेकर तमाम नेपाली नागरिक भी खुशी जता रहे हैं।
नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा ने इस पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है और भारत को दिए जवाब की सराहना की है।
जिसके तहत महाकाली नदी के पूर्व का हिस्सा लिम्पियाधुरा, कुटि, कालापानी, गुंजी और लिपुलेख नेपाल के भू-भाग में आते हैं। चूंकि ये क्षेत्र नेपाली भू-भाग हैं, ऐसे में नेपालियों की आवाजाही स्वाभाविक है।
नेपाल के दार्चुला जिला अधिकारी टेक सिंह कुंवर ने धारचूला के उप-जिलाधिकारी के इस पत्र का जवाब देते हुए लिखा कि 1818 में नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच सुगौली संधि हुई थी।
इस पत्र में कहा गया है कि धारचूला जिला प्रशासन को खबर मिली है कि गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में नेपाली चोरी-छिपे घुस रहे हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ प्रशासन की ओर से ये पत्र लिखा गया था। अब इस पत्र का नेपाल ने पलटकर जवाब दिया है।
भारत ने इस महीने नेपाल को एक पत्र लिखकर कहा कि वो अपने नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध तरीके से घुसने से रोकें।