एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
कुंभ में संतों का मेला लगा है, यहां करीब 49 किलोमीटर के दायरे में फैले मेले में अलग-अलग रूपों में संतों को रेला देखने को मिल रहा है, श्रीपंच शम्भू अग्नि अखाड़ा के अद्वैतय चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज का स्वरूप सबसे अलग है।
महाराज शरीर पर भगवा चोला ओढ़े हैं, हाथ में राइफल, कमर में रिवाॅल्वर और राइफल के कारतूस का पट्टा उन्हें संतों की कतार से अलग पेश करती है।
चैतन्य बाबा का दावा है कि इन्होंने एक बार आतंकियों से भी लोहा लिया था, उस समय 18 गोलियां शरीर पर लगी थीं। इसके बाद भी मौत को मात देकर आए हैं, अद्वैतय चैतन्य के अनुसार, वह 80 के दशक में शीतला मंदिर, बंगा (जालंधर, पंजाब) में रहते थे, उस समय पंजाब में खालिस्तानी आतंकी काफी उग्र थे, मैंने अकेले आतंकियों से मोर्चा लिया, मुझे कनपटी समेत शरीर में 18 गोलियां मारी गईं, लेकिन, मां गायत्री और परशुराम भगवान की कृपा से मेरी जान बच गई।
उन्होंने बताया कि, एक दो साल अस्पताल में ही पड़ा रहा, तब मैं आतंकियों की हिट लिस्ट में शामिल हो गया, क्योंकि, मैंने उनका हमला नाकाम कर दिया था, इस हादसे के बाद तत्कालीन पंजाब सरकार में मुख्यमंत्री बरनाल ने मुझे अपनी सुरक्षा के लिए असलहा और दिल्ली के नरैली में फ्लैट दिया है।