नृपेन्द्र कुमार मौर्य | navpravah.com
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना से देश की आंखें नम हैं, सड़क पर पड़ी लाशों को देखकर कौन सा पत्थर दिल नहीं पिघला होगा। इस घटना ने न जाने कितने परिवार उजाड़ दिए और न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए। सवाल यही है कि इस सब का जिम्मेदार आखिर है कौन? प्रशासन या सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार उर्फ भोले बाबा ?
हाथरस सत्संग हादसे में अब तक 121 जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं, घायल 35 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हैरानी की बात ये है कि जो भक्त बाबा को भगवान मानते थे, उनकी मौत के बाद स्वंयभू बाबा खुद फरार है। आखिर भक्तों का ‘भगवान’ कहां फरार है।
121 लोगों की जान चली गई। बाबा आखिर कहां है?
बाबा के सत्संग के बाद अब तक 121 लोग काल के गाल में समा चुके हैं लेकिन बाबा को इससे क्या। उसने तो अपना फोन तक स्विच ऑफ कर लिया है। पुलिस उसे ढूंढने के लिए अब तक कुल 8 जगहों पर दबिश दे चुकी है 40 पुलिसकर्मियों की टीम आरोपियों को तलाश रही है। 48 घंटे बाद भी पुलिस बाबा तक नहीं पहुंच सकी है, लेकिन सवाल ये है कि क्या पुलिस बाबा को सीधे गिरफ्तार करने से बच रही है, क्यों कि FIR में भी उसका नाम नहीं है। इस बात के संकेत सीएम योगी ने भी बुधवार को दिए थे कि शायद बाबा पर सीधा एक्शन नहीं लिया जाएगा, क्यों कि पुलिस पहले बाबा की हिस्ट्री पर होमवर्क करना चाहती है। अगर पुलिस को ज्यादा सबूत नहीं मिले तो ये भी संभव है कि बाबा को गिरफ्तार न किया जाए।
बाबा ने जारी किया लेटर –
लेटर में कहा गया कि इस हादसे में जान गवांने वाले के परिवारों के प्रति उनकी संवेदना है। साथ ही घायलों की जल्द ठीक होने की कामना भी की। आगे लिखा कि मैं/हमने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट ए.पी.सिंह को सत्संग के खत्म होने के बाद कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ माहौल पैदा करने पर कानूनी कार्रवाई के लिए हायर किया है। मैं सिकंदराराऊ के गांव फुलारी से 2 जुलाई को बहुत पहले रवाना हो गया था।