सौम्या केसरवानी | navpravah.com
लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार नई सोशल मीडिया पॉलिसी लेकर आई है, जिसके तहत अब सिरफिरों की नकेल कसी जाएगी, जो सोशल मीडिया में गंदगी फैलाते हैं। साथ ही सरकार के फ़ैसले से अच्छे कंटेंट बनाने वालों की चाँदी भी हो गई है।
सरकार ने नए नियम के तहत असुविधाजनक और आपत्तिजनक पोस्ट करने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा निर्धारित की है। वहीं इसके साथ यह भी फैसला किया है कि सोशल मीडिया पर डिजिटल एजेंसी और फर्म के लिए विज्ञापन के नये मार्ग भी खोले जाएँगे। सोशल मीडिया पॉलिसी को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गयी है।
नई सोशल मीडिया पॉलिसी में पहले राष्ट्र विरोधी कॉन्टेंट डालने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान था। अभी तक आईटी एक्ट की धारा 66E और 66F के तहत कार्रवाई की जाती थी, लेकिन अब नया नियम आ गया है, इसके तहत तीन साल की कैद, मानहानि अथवा उम्रकैद भी शामिल है।
आपको बता दें कि, योगी सरकार अपनी जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए यह नई योजना लेकर आई है। इससे सरकार की उपलब्धि, योजनाएं, कार्य विज्ञापन के जरिए लोगों तक पहुचेगें और जनता सरकार की नीतियों को अच्छे से समझ पायेगी।
इस योजना के अनुसार, अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कॉन्टेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को शेयर करने पर उन्हें विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि लोगों में जागरूकता फैले ताकि कोई साइबर क्राइम व कोई स्कैम में भी न फंसे।
पॉलिसी के तहत विज्ञापन का लाभ लेने के लिए कॉन्टेंट प्रोवाइडर को चार भागों में बांटा गया है। इसमें एजेंसी या फर्म को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर पर बांटा गया है, वहीं यूट्यूब वीडियो, शॉर्ट्स और पॉडकास्ट भुगतान के लिए 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख रुपये है।