राजेश सोनी | Navpravah.com
जैसे ही कल तीन तलाक के विधेयक को केंद्र सरकार के केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली, वैसे ही इस विधेयक का देशभर में विरोध शुरू हो गया। आज इस विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने केंद सरकार पर अपनी मनमानी तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। ओवैसी का कहना है कि तीन तलाक के विधेयक को संसद में पेश करने और केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दिलाने से पहले सरकार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सलाह-मशवरा करना चाहिए था।
बता दें कि ओवैसी ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए केंद्र सरकार को खत लिखा है। ओवैसी ने इस खत में लिखा कि सरकार का यह कदम अफसोसजनक है और नारी समानता एवं नारी को न्याय दिलाने के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे खत में लिखा कि केंद्र सरकार को इस विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने से पहले सभी मुस्लिम पक्षों और संगठनों से बात करनी चाहिए थी। वहीँ कांग्रेस ने भी तीन तलाक के बिल पर अपनी बात लोगों के सामने बताई है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि अगर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार बिल लाएगी, तो कांग्रेस इस तीन तलाक बिल का समर्थन करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि तीन तलाक मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि तीन तलाक का मुद्दा मुस्लिम महिला के सम्मान, अस्मिता, बराबरी और न्याय से जुड़ा हुआ है।