सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
अमरनाथ यात्रा पर एनजीटी ने कहा है कि अमरनाथ को लेकर दिए गए आदेश की गलत रिपोर्टिंग की गई है, क्योंकि मंत्रोच्चारण और आरती पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है, केवल शिवलिंग के सामने ही शांति बनाए रखने के लिए कहा गया था।
इसके साथ ही गुफा की सीढ़ियों से पहले लोगों को अपना सामान जमा करना होगा और गुफा में प्रवेश के लिए एक लाइन में चलना होगा। एनजीटी ने साफ किया है कि उन्होंने अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया है। बुधवार को एनजीटी की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसे हिंदुओं का अपमान बताया था, साथ ही एनजीटी से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी।
अमरनाथ यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए जाते हैं, साथ ही कई जगहों पर घंटियां भी बजाते हैं। लैंड स्लाइड की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एनजीटी ने यह कदम उठाया गया है। एनजीटी के अनुसार पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने और इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए।
बीजेपी सरकार ने इस फैसले को हिंदुओं के खिलाफ बताया है। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने कहा कि वह अमरनाथ यात्रा पर जाएंगे और बम-बम भोले और हर हर महादेव का जयकारा लगाएंगे, एनजीटी में हिम्मत है, तो उन्हें रोक लें।
इससे पहले भी एनजीटी ने आदेश जारी करते हुए माता वैष्णो देवी में एक दिन में सिर्फ 50 हजार यात्री ही दर्शन करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी के आदेश के खिलाफ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।