Prayagraj। यूपी बोर्ड की नाक के नीचे शांतिपुरम फाफामऊ में फर्जी बोर्ड चल रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से चल रहा फर्जी बोर्ड न सिर्फ छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र बांट रहा है, बल्कि फर्जी वेबसाइट तक बना रखी है। इतना ही नहीं बोर्ड कक्षा एक से लेकर 12 तक की पढ़ाई कराने के साथ ही डीएलएड कोर्स करवाने का भी दावा कर रहा है।
कुछ दिन पहले नैन्सी जायसवाल नाम की एक छात्रा इस फर्जी बोर्ड के प्रमाणपत्र लेकर सेवा श्रम इंटर कॉलेज सुरियावां भदोही में 11वीं में दाखिलस लेपे पहुंची। कॉलेज के प्रधानाचार्य गोस्वामी विवेकानन्द ने प्रयागराज में संपर्क कर प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था के बारे में पड़ताल की तो पता चला की वह प्रमाणपत्र फर्जी है। इसके बाद प्रधानाचार्य ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि हाईस्कूल और इंटर की दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) ही मान्य है।
वेबसाइट भी फर्जी, 2013 से संचालन
इस फर्जी बोर्ड की वेबसाइट पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी लिखा है। संचालकों का दावा है कि मुक्त एवं दूरस्थ विद्यालयी शिक्षण प्रणाली के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य में स्कूली शिक्षा की अनिवार्यता, विकास और प्रोत्साहन के लिए वर्ष 2008 में एक विधायी अधिनियमन बनाया गया तथा स्वायत्तशासी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद का संचालन 2013 से हो रहा है। इसके अध्यक्ष आरके गौड़ हैं। फर्जी बोर्ड की वेबसाइट पर दिए नंबर पर संपर्क करने पर क्लर्क जीतेन्द्र कुमार ने फोन उठाया लेकिन किसी प्रश्न का सही जवाब नहीं दे सका।
यूपी बोर्ड के समकक्ष एवं मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद नाम की कोई संस्था अस्तित्व में नहीं है। इसके खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। -नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड