अमित द्विवेदी,
चीन के तीन पत्रकारों के वीजा अवधि को न बढ़ाए जाने को चीनी मीडिया ने एक अलग रंग देते हुए भारत को चेतावनी दे दी। चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक सम्पादकीय लेख के हवाले से भारत के इस कदम को गलत बताया और कहा कि यदि यह एनएसजी मामले में भारत की सदस्यता के विरोध को लेकर किया जा रहा है, तो भारत इस बात के गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
चीन के तीन पत्रकारों का वीजा अवधि विस्तार न होने को लेकर चीनी मीडिया तिलमिला गया है। चीन के एक अखबार ने इसे एनएसजी सदस्यता में किए गए चीनी विरोध से जोड़ दिया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिंहुआ के तीन चीनी पत्रकारों की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया गया है। इन तीन पत्रकारों में दिल्ली स्थित ब्यूरो के प्रमुख वू कियांग और मुंबई स्थित दो संवाददाता-तांग लू और मा कियांग शामिल हैं। अखबार ने लिखा है कि वीज़ा की अवधी न बढ़ाने को लेकर कोई ठोस वजह भी नहीं नहीं बताई गई है।
इस मामले में कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों का दावा है कि इन तीन पत्रकारों पर फर्जी नामों का इस्तेमाल कर दिल्ली एवं मुंबई के कई प्रतिबंधित विभागों में पहुंच बनाने का संदेह है। ऐसी रिपोर्ट भी है कि इन पत्रकारों ने निर्वासित तिब्बती कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस बात पर भी अखबार ने स्पष्ट किया कि चीनी मीडिया का दलाई लामा का साक्षात्कार लेना कोई आर्श्चयचकित कर देने वाला काम नहीं है।
इतना ही नहीं, समाचार पत्र के सम्पादकीय ने भारत को शंकालु दिमाग बताते हुए कहा कि अब चीन को भी यह दिखाना होगा कि चीन का भी वीज़ा प्राप्त करना आसान नहीं है। जबकि वर्तमान में चीन का वीज़ा प्राप्त करना भारतीयों के लिए बेहद आसान है।