Lucknow. उन्नाव बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता के चाचा को तुरंत रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का परिवार उसे लखनऊ के अस्पताल से एम्स स्थानांतरित करने पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। कोर्ट ने आगे कहा कि कोई भी मीडिया हाउस प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष तौर पर अथवा किसी भी तरीके से उन्नाव बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करेगा।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए उन्नाव रेप मामले से जुड़े सभी पांच मुकदमों की सुनवाई यूपी से हटाकर दिल्ली की अदालत में करने का आदेश दिया। साथ ही दुष्कर्म मामले की सुनवाई 45 दिन में पूरी करने को कहा ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को सुबह सुनवाई शुरू होते ही जानना चाहा कि इस मामले में जांच कहां तक पहुंची है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पीठ ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी को बुलाएं, हम उनसे केस की जानकारी चाहते हैं। इस वजह से सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी।
बहुचर्चित रेप प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीआरपीएफ की टुकड़ी गुरुवार की देर रात पीड़िता के गांव पहुंच गई। पीड़िता और वकील के घर पर सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। दो वाहनों से करीब डेढ़ दर्जन सीआरपीएफ के जवानों की टीम गांव पहुंची है। करीब 10 लोग पीड़िता के घर पर और चार लोग वकील के घर पर निगह बानी कर रहे हैं। पीड़िता के घर में ताला लटका है। वही वकील के घर पर कुछ लोग मौजूद हैं। पीड़िता के घर वाले लखनऊ स्थित अस्पताल में मौजूद हैं।