एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
देश में निपाह वायरस का खतरा बढ़ रहा है। इस बीमारी के चलते केरल में 12 लोगों की मौत हो गई है। इस बीमारी के फैलने का कारण चमगादड़ों को बताया जा रहा है।
वहीं गुजरात में एक महिला हैं जो चमगादड़ों को लक्ष्मी स्वरूप मानती हैं। उन्होंने अपने घर में करीब एक हजार चमगादड़ पाल रखे हैं। आस-पास के लोगों में वह ‘चामाचिड़िया वाली’ के नाम से पहचानी जाती हैं।
गुजरात के कडी तहसील के राजपर गांव में रहने वाली 75 वर्षीय शांता बेन प्रजापति तीन कमरे वाले अपने पुश्तैनी घर में अकेली रहती हैं, शांता बेन का एक बेटा है जो अपनी पत्नी के साथ किसी और शहर में रहता है।
इस घर के दो कमरों में चमगादड़ और एक कमरे में शांता बेन खुद रहती हैं। हजारों चमगादड़ों के बीच रहने वाली इस वृद्ध महिला को डरावने लगने वाले चमगादड़ों से बिलकुल डर डर नहीं लगाता बल्कि वह इनके साथ की आदी हो गई हैं और तो और वो इन्हें लक्ष्मी का अवतार भी मानती हैं।
शांता बेन ने बताया कि पिछले 4-5 साल से चमगादड़ मेरे साथ रह रहे हैं। मुझे इनसे डर नहीं लगता और न ही कोई दिक्कत है। उनका कहना है कि पहले पड़ोसियों को भी मेरे चमगादड़ों से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन बीमारी फैलने की खबरों के बाद से वह थोड़ा असहज हो गए हैं, उन्होंने कहा कि पड़ोसी चाहते हैं कि मैं इन्हें अपने घर से भगा दूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती।
केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से ही शांता बेन के घर में बसे हजारों चमगादड़ों ने स्वास्थय विभाग और ग्राम पंचायत दोनों की नींद उड़ा दी है। एक तरफ वृद्धा किसी भी कीमत पर चमगादड़ों को घर से भगाने के लिए तैयार नहीं हैं तो दूसरी तरफ गांव के लोगों ने चमगादड़ों को भगाने के लिए मोर्चा खोल रखा है।