एनपि न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com
पी.चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम के ऊपर कानून का शिकंजा निरंतर कसता जा रहा है, वैसे भी मोदी सरकार के निशाने पर हैं अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर चिदम्बरम। सत्ता में रहते हुए चिदम्बरम ने हर मुद्दे पर भाजपा पर सदैव तीखा हमला बोला था। सो, जब इस बार चिदम्बरम चारों ओर से घिर गए और उनके पुत्र के जेल जाने के आसार बढऩे लगे तो उन्होंने सोनिया व राहुल से मिलने का समय मांगा। चिदम्बरम इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित थे कि उनके पुत्र के बचाव में कांग्रेस पार्टी या उसका कोई भी नेता सामने नहीं आ रहा है।
सूत्र बताते हैं कि इसके बाद पीसी ने सोनिया गांधी से फोन पर बात करनी चाही पर सोनिया लाइन पर नहीं आई। राहुल गांधी के अमरीका रवाना होने से 3 दिन पहले से पीसी उनसे मिलने का समय मांग रहे थे, पर उनके अनुग्रह और फरियाद को जब गांधी परिवार ने अनसुना कर दिया तो आपे से बाहर हो गए चिदम्बरम ने (सूत्रों के मुताबिक) कांग्रेस अध्यक्षा को एक तीखा पत्र लिखा, जिसका मजमून था कि अगर उनका बेटा जेल चला गया तो यह किसी के लिए ठीक नहीं होगा, न उनके लिए, न पार्टी के लिए और न गांधी परिवार के लिए।
चिदम्बरम का इस पत्र में कहना था कि मंत्री रहते हुए उन्होंने जो कुछ किया, उसमें उन्होंने गांधी परिवार की हर आज्ञा को शिरोधार्य किया है, और उन्होंने सरकार, पार्टी व गांधी परिवार के लिए ही सब कुछ किया है। वे राजनीति छोड़ सकते हैं पर अपने पुत्र का त्याग नहीं कर सकते। जाहिर है चिदम्बरम के पत्र की भाषा में विद्रोह की गंूज साफ सुनाई दे रही थी, इससे पहले कि उनका विद्रोह कोई आकार ले पाता, उन्हें 10 जनपथ से मिलने का बुलावा आ गया। उन्हें समझाया गया कि वे पार्टी के इतने वरिष्ठ नेता हैं, सो उन्हें ऐसी भाषा शोभा नहीं देती। इसके बाद दोनों ओर से भावनात्मक विचारों के आदान-प्रदान हुए और अगले ही रोज कांग्रेस पार्टी चिदम्बरम और काॢत चिदम्बरम के बचाव में सामने आ गई, बाकायदा प्रैस कांफ्रेंस कर कांग्रेस को पीसी और उनके पुत्र का बचाव करना पड़ा।