राष्ट्र गान और राष्ट्र ध्वज का सम्मान करना सवैधानिक कर्तव्य है – इलाहाबाद हाईकोर्ट

Respecting the National Anthem and the National Flag is the Constitutional duty - Allahabad High Court

एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com

इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्ड पीठ ने आज एक अहम फैसला सुनाया है, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राष्ट्रगान गाने से छूट के सम्बन्ध में दायर याचिका ख़ारिज कर दी है।

योगी सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये राष्ट्र से जुड़ा मामला है। हाईकोर्ट ने कहा राष्ट्र गान और राष्ट्र ध्वज का सम्मान करना सवैधानिक कर्तव्य है, जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें भेद नहीं किया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं है, हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास का द्योतक है, मऊ के अला उल मुस्तफा की याचिका को हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी है, सरकार इस तरह 15 अगस्त और 26 जनवरी पर मदरसों को राष्ट्र गान गाने का फरमान के खिलाफ मैंने याचिका डाली थी, ऐसा नहीं है की हम इसके खिलाफ हैं, परन्तु सरकार को ऐसा फैसला लेने से पहले हम सब की राय भी लेना चहिये था।

उन्होंने कहा कि इसके पहले की हुकूमत ने कोई दबाव नहीं बनाया था, उन्होंने कहा कि ‘जन-गण-मन पढ़ने का दबाव बनाया गया, अपने वतन की तारीफ करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ये एक नयी चीज है और इसके लिए हमने ऐतराज जताया था।

उन्होंने कहा कि वो कोई देश के खिलाफ जाकर काम नहीं कर रहे हैं, हम देश के कानून से ही इसपर मदद ले रहे हैं, उनको कोई राष्ट्रगान के लिए आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए, इसी दबाव के खिलाफ वो कोर्ट गए थे।

 

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