LPG के बाजार पर फिलहाल सरकारी कंपनियों का कब्जा है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी कंपनियों की अच्छी खासी पकड़ है। ये कंपनियां 5 किलो, 14.2 किलो, 19 किलो के एलपीजी सिलेंडर बेंच रही हैं, जिसमे 19 किलो के सिलेंडर कमर्शियल यूज के लिए हैं।
दूसरी और प्राइवेट फर्म्स को गवर्नमेंट सब्सिडी नहीं मिलती, इसीलिए वे मार्केट रेट पर ईंधन बेचती हैं लेकिन, गवर्नमेंट की सब्सिडी पॉलिसी के अनुसार 10 लाख से ज्यादा सालाना अर्निंग वालों को सब्सिडी न मिलने की बात है। इससे प्राइवेट कंपनियों के लिए एलपीजी की मार्केट तैयार हो रही है।
आरआईएल ने अपनी प्रेजेंटेशन में बताया कि ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी ने मोबाइल ऐप भी तैयार किया है। कंपनी के अधिकतर एलपीजी को गुजरात के जामनगर स्थित दो रिफाइनरी से ही बिक्री के लिए भेजा जाएगा। आरआईएल ने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो 4-5 किलो के सिलेंडर का दाम कितना होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही सरकार ने रिलायंस को अपने प्लांट में बनने वाली 1.2 लाख टन तक एलपीजी गैस को निजी कुकिंग गैस कंपनियों को बेचने की मंजूरी दी थी। रिलायंस ने अपनी प्रेजेंटेशन में कहा कि कंपनी का पैक्ड एलपीजी गैस बिजनेस सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।