शिखा पांडे|Navpravah.com
रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुई 7 साल के मासूम बच्चे प्रद्युम्न ठाकुर की मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और उलझती ही जा रही है। हत्या के आरोपी बस कंडक्टर द्वारा कही गई शारीरिक शोषण के असफल प्रयास के बाद हत्या कर देने की बात बिलकुल गलत साबित हुई है क्योंकि, प्रद्युम्न की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसने अलग ही, चौकाने वाला खुलासा किया है।
पोस्टमार्टम करने वाले बोर्ड के सदस्य डॉ दीपक माथुर ने बताया है कि प्रद्युम्न के ऊपर बाथरूम के अंदर लगातार दो बार वार किया गया, जिसकी वजह से गले की नली कट गई। गले की नली कटने की वजह से प्रद्युम्न बाथरूम से बाहर तो आया लेकिन उसक आवाज नहीं निकली। पहली बार जब गले के ऊपर वार किया जाता है तो चीख निकलती है और दूसरी बार में गले की नली कट जाती है।
रिपोर्ट स्टडी के बाद डॉ माथुर का अनुमान है कि, प्रद्युम्न बाथरूम से बाहर निकलते ही दीवार से टकराकर गिर गया। उसने दीवार से उठने की तो कोशिश की, लेकिन नहीं उठ सका। डॉ माथुर के अनुसार अगर प्रद्युम्न के ऊपर दूसरी बार वार नहीं किया जाता तो वो अपनी कक्षा तक पहुंच जाता।
7 साल के इस मासूम बच्चे की हत्या का ये मामला इतना संगीन और पेंचीदा है, कि अभी तक कोई पुख्ता परिणाम निकलकर सामने नहीं आया है। जिस कथित वॉशरूम में प्रद्युम्न की हत्या हुई, उससे मात्र चार कदम की दूरी पर एक कक्षा एक है। उस कक्षा के भी ठीक सामने कंप्यूटर लैब है। यह वॉशरूम भी मुख्य गैलरी के बिलकुल किनारे पर ही है। महज़ चार कदम पर पानी का नल है। पूरा पैसेज चहल पहल से भरा रहने वाला है, फिर प्रश्न यह उठता है कि इतने चहल पहल के बीच किसी को इतने बड़े अपराध की भनक कैसे नहीं लगी?
जिस एक मिनिट के अंदर इस पूरी घटना को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है, उतने कम समय में ड्राइवर द्वारा ‘अचानक’ ये सब घबराहट में कर देने की बात कतई गले से नीचे नहीं उतरती। सभी पहलू यही इशारा करते हैं कि ये हत्याकांड एक सोची समझा साजिश थी। बाथरूम के अंदर खून के निशानों से लगता है कि हैवान ने उसे बाहर न निकलने देने की पूरी कोशिश की थी लेकिन वो कामयाब नहीं हुआ।