एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सरकार की जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए एक हिंदू-मुस्लिम दंपति से लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी और पुलिस ने अपने दायरे से बाहर जाकर अप्रासंगिक सवाल उनसे पूछे थे।
इस दंपति के पासपोर्ट अब जारी कर दिए गए हैं, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने आज लखनऊ में पीटीआई-भाषा को बताया कि तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए अंतरधार्मिक दंपति से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाले लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने दायरे से बाहर जाकर पूछताछ की थी।
दंपति ने पासपोर्ट अधिकारी पर कथित रूप से परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी अंतरधार्मिक शादी के कारण उन्हें निशाना बनाया गया था।
आरपीओ पीयूष वर्मा ने बताया कि विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत दंपति के सत्यापन के बाद पुलिस से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं मिली थी, विदेश मंत्रालय के जून 2018 के नियमों के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में छह अहम बिंदुओं में है कि अगर आवेदक पर कोई आपराधिक केस नहीं है और उसकी नागरिकता पर कोई विवाद नहीं है तो पासपोर्ट नहीं रोका जा सकता है।
बता दें कि, नोएडा की रहने वाली तन्वी सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थी, इस दौरान तन्वी ने पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र पर धर्म के नाम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया था।