पीयूष चिलवाल । Navpravah.com
“मैं कभी बतलाता नहीं, पर अंधेरे से डरता हूं मैं मां” गीत लिखने वाले प्रसून जोशी सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। साथ ही विद्या बालन को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड अर्थात सेंसर बोर्ड का सदस्य बनाया गया है।
16 सितंबर 1968 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में जन्मे प्रसून ने महज 17 वर्ष की आयु में लिखना शुरू कर दिया था। प्रसून हिंदी के बेहतरीन कवि, पटकथा लेखक और गीतकार हैं उन्होंने हम तुम, फ़ना, रंग दे बसंती जैसी कई शूपर डूपर हिट फिल्मों में गीतों के लिए अपने बोल दिये हैं। एमएससी और उसके बाद एमबीए करने वाले कला के धनी प्रसून अंतराष्ट्रीय एड कंपनी मैकेन एरिक्सन के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। एड गुरू के नाम से विख्यात और कई जबरदस्त कैचलाइनों को अपनी कलम से इजाद करने वाले प्रसून ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीयूष पांडे के साथ मिलकर बीजेपी के एड कैंपेन का गीत “मेरा देश बदल रहा है” लिखा था।
पीसीएस अधिकारी के घर में जन्मे प्रसून ने राजकुमार संतोषी की फिल्म लज्जा से बाॅलीवुड में कदम रखा और उसके बाद एक के बाद एक नए मुकाम हासिल करते चले गए। फिल्म फ़ना के गीत चांद सिफारिश और फिल्म “तारे जमीन पर” के गीत “मां” के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के दो फिल्मफेयर अवार्ड वो अपनी झोली में डाल चुके हैं और गीत मां के लिए ही उन्हें राष्ट्रीय पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
कविताओं को अपना पहला प्रेम बोलने वाले प्रसून ने उस्ताद हफीज़ अहमद खान साहब से शास्त्रीय संगीत की दीक्षा ली। हिंदी उर्दू के लिए बाल्य काल से उपजा प्रेम आज भी प्रसून की लेखनी में दिखाई देता है। कलम की जादू के चलते ही उन्हें शैलेंद्र सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
हालांकि अब तक अपनी सभी जिम्मेदारियों की भली भांति पूर्ति रहे प्रसून को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष की नयी पारी का शुभारंभ करते देखना दिलचस्प होगा क्योंकि इनसे पूर्व सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहे पहलाज निहलानी अपने अड़ियल रूख के चलते काफी चर्चा में रहे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ बाॅलीवुड भी उनके काम करने के अंदाज से खासा नाराज़ था।