नोटबंदी का एक महीना पूरा, विपक्ष मना रहा ‘ब्लैक डे’

कांग्रेस ने जारी किया मेनिफेस्टो

सौम्या केसरवानी,

नोटबंदी के फैसले के एक महीने पूरे हो गए हैं और मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार के इस फैसले से देश को और खासकर आम लोगों को बड़ी दिक्कतें हुई हैं। कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी के बाद अब तक 84 लोगों की लाइनों में मौत हो चुकी है। विपक्षी दल नोटबंदी के एक महीने पूरे होने के मौके पर गुरुवार को ब्लैक डे मना रहे हैं। नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्ष के अधिकांश दल एकजुट हैं। लोकसभा और राज्यसभा में बुधवार को भी दिन भर कामकाज नहीं हुआ।

विपक्ष नोटबंदी पर चर्चा के साथ-साथ वोटिंग की भी मांग कर रहा है। बुधवार को 14 दलों के नेताओं की बैठक में फैसला हुआ समूचा विपक्ष गुरुवार को ब्लैक डे के रूप में मनाएगा।

8 नवंबर को हुआ था ऐलान-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों के प्रयोग बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद से ही संसद में नोटबंदी को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। बुधवार को ‘पीएम माफी मांगो’ जैसी नारेबाजी के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी ने सदन में कामकाज न चलने पर नाराजगी जताई। आडवाणी ने दो टूक टिप्पणी करते हुए कहा था कि न तो सरकार, न विपक्षी दल और न ही लोकसभा स्पीकर सदन चलाना चाहते हैं।

बुधवार को नोटबंदी के मुद्दे को लेकर जहां विपक्ष ने हंगामा किया, वहीं राज्यसभा में बीजेपी सदस्यों ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की, राज्यसभा में विपक्ष ने ‘पीएम सदन में आओ’ का नारा लगाया। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई, लोकसभा की कार्यवाही दिन भर नहीं चल सकी।

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से क्या हासिल हुआ। एक महीने हो गए हैं और अब तक 84 लोगों की लाइनों में लगकर मौत हो चुकी है।

इस बीच, पीएम मोदी ने नोटबंदी के फैसले के बारे में बुधवार को सख्त संदेश दिया। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से जनता के बीच जाकर नोटबंदी के फायदों और डिजिटाइजेशन तथा कैशलेस इकोनॉमी के बारे में बताने को कहा। पीएम ने कहा कि जैसे चुनाव प्रचार के लिए आप लोगों के बीच जाते हैं, वैसे इस कदम के बारे में जाकर लोगों को बताइए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी जैसे बड़े सुधारों पर संसद में बहस नहीं करने देने और गतिरोध पैदा करने को लेकर विपक्षी दलों की निंदा भी की।

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