कोमल झा| Navpravah.com
मुंबई में बीएमसी शहर के बंगलों और इमारतों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर वाला स्टीकर दे रहा है. इमारतों को दिया जाने वाला 15 अंकों का यह नंबर बिल्कुल आधार नंबर की तरह है. इस तरह के स्टीकर को इमारतों के गेट और नोटिसबोर्ड पर लगाया जा रहा है.
इस नंबर के आधार पर अब सरकारी एजेंसियों की सेवाएं लेना आसान होगा. साथ ही इमारतों की सही लोकेशन का भी आसानी से पता चल सकेगा. कई बार इमारतों के नाम एक जैसे होने पर सही जगह पहुंचने में मुश्किल होती थी.
डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर बीजी पवार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ’15 अंकों वाला यह यूआईडी नंबर इमारत के प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद की सेक्शन अकाउंट कोड, वार्ड नंबर, बगल की इमारत के नंबर और इमारत ने फ्लैट्स की संख्या को मिलाकर जारी किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने वाली 27 लाख इमारतों को यह नंबर दिया जा चुका है.
सिर्फ एक क्लिक से हो जाएंगे सारे काम
पवार ने यह भी कहा कि इस नंबर के जरिए बीएमसी के सभी विभागों से इमारत के बारे में किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. जैसे अब सिर्फ एक क्लिक द्वारा कोई भी व्यक्ति किसी भी इमारत की वैधता की जांच कर सकता है.
पवार ने कहा कि यूआईडी के जारी होने के बाद लोगों को अपनी इमारतों और सोसाइटी के मरम्मत या रखरखाव संबंधी कामों को करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. इस यूआईडी द्वारा ही संबंधित विभाग इमारत पर किसी तरह के बकाए राशि जैसे प्रॉपर्टी टैक्स, पानी या बिजली का बिल आदि की जांच कर लेगा और बकाया नहीं होने पर मरम्मत आदि के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर देगा.
नागरिक सुविधा केंद्र में भी केवल इसी नंबर को बताकर लोग अपना प्रॉपर्टी टैक्स, पानी बिल जमा करा पाएंगे. पानी न आने, टैक्स का बकाया या लाइसेंस रिन्यू कराने समेत सभी कामों के लिए अब अलग-अलग नंबर नहीं बताने होंगे. केवल इसी नंबर के आधार पर सिस्टम में सारा रिकॉर्ड मिल जाएगा.
इस नंबर के जारी होने के बाद न सिर्फ सरकारी लालफीताशाही से लोगों को मुक्ति मिलेगी बल्कि प्रॉपर्टी की वास्तविक कीमत भी अब आसानी से पता हो जाएगी.