एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
तीन तलाक में सजा का प्रावधान वाला बिल कल लोकसभा से पास हो गया है। जिसके बाद मुस्लिम महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे तीन तलाक द्वारा अत्याचारों को रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन लगता नहीं की मुस्लिम महिला अब सिर्फ तीन तलाक की कू-प्रथा से राहत पाकर खुश हैं। वे अब इस्लाम धर्म में जारी चार शादी और निकाह हलाला के खिलाफ भी जल्द ही मोर्चा खोलते नजर आएँगी।
मुस्लिम महिलाओं ने इस्लाम धर्म में 4 शादी और निकाह हलाला के खिलाफ भी जल्द ही मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। तीन तलाक की कू-प्रथा के विरोध में सबसे पहले आवाज उठाने वाली और सर्वोच्च न्यायालय में इन्साफ मांगने वाली उत्तराखंड की सायरा बानो ने बुधवार को कहा है कि उनकी अगली लड़ाई इस्लाम धर्म में जारी चार विवाह और निकाह हलाला जैसे कू-प्रथा के खिलाफ होगी। हमारे समाज में ऐसी कू-प्रथाओं के लिए कोई जगह नहीं है।
बता दें कि 2011 के जनगणना के हिसाब से देश में मुस्लिम महिलाओं की आबादी करीब 8.4 करोड़ है। 13.5 मुस्लिम महिलाओं की शादी 15 वर्ष से पहले हो जाती है। 49% मुस्लिम महिलाओं की शादी 14-29 साल की उम्र के बीच हो जाती है।