सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
मध्य प्रदेश में हर साल एक अजीबो-गरीब परम्परा निभाई जाती है, ये परम्परा प्यार के लिए जान देने वाले प्रेमी युगल की याद में कल निभाई गई। इस परम्परा मे पत्थरबाजी की जाती है। इस परम्परा मे कल 261 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आयोजित इस वार्षिक आयोजन को ‘गोटमार मेला’ कहा जाता है। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी जाम नदी के किनारे आयोजित विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले में जमकर उपद्रव हुआ। झंडे की पूजा के बाद जैसे ही गोटमार मेले की शुरुआत हुई लोगों ने पत्थर इकट्ठा करने शुरू कर दिए।
पुलिस की तमाम कोशिश के बाद भी लोगों ने पत्थरबाजी की और मेले में खूनी संघर्ष हुआ। मेले में हुए इस खूनी संघर्ष में दोनों पक्ष के करीब 259 लोग घायल हुए। इलाज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण लोगों का गुस्सा प्रशासन पर भी फूटा और उन्होंने एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ की।
हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे गये, इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के भारी बंदोबस्त के साथ मेला क्षेत्र में धारा 144 लगा दी, उसके बाद भी पत्थरबाजी नहीं रुक पाई। पुलिस ने सभी के आपसी सहमती से शाम को मेले को खत्म कर दिया।
गोटमार मेले का आयोजन मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा कस्बे में हर साल आयोजित किया जाता है। इस मेले में सुबह से लेकर शाम सूर्य अस्त होने तक दोनों गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसमें हर साल कई लोग घायल होते हैं, वहीं पथराव में कुछ लोगों की मृत्यु के मामले भी सामने आ चुके हैं।