शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में जीत के साथ अपना दबदबा साबित करना शुरू कर दिया है। उत्तरप्रदेश विधान परिषद की पांच में से तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। बाकी की दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। इन पांच सीटों के लिए 3 जनवरी को हुए मतदान हुआ था।
केंद्र सरकार द्वारा नोट बंदी के फैसले के बाद उत्तरप्रदेश का यह पहला चुनावी परिणाम रहा, जिसमें भाजपा ने अपना परचम लहराया। राज्य विधान परिषद में 100 सीटें हैं। इनमें 8 सीटें स्नातक विधान पार्षद और 8 सीटें शिक्षक विधान पार्षद के लिए निर्धारित हैं। इसमें से ग्रेजुएट एमएलसी की तीन और टीचर एमएलसी की 2 सीटें इस वर्ष खाली हुईं, जिनके लिए मतदान कराया गया था। भाजपा ने ग्रेजुएट एमएलसी की तीनों सीटें पर कानपुर, गोरखपुर और बरेली पर कब्जा किया, जबकि टीचर एमएलसी की दोनों सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गयी हैं।
कानपुर ग्रेजुएट सीट से भाजपा के अरुण पाठक ने मानवेन्द्र स्वरूप को हराया। बरेली में भाजपा के डॉ. जयपाल सिंह बिष्ट ने सपा कैंडिडेट रेनू मिश्रा को हराया तथा गोरखपुर में भाजपा के देवेन्द्र प्रताप सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार संजयन त्रिपाठी को हराया। इसके अतिरिक्त शिक्षक एमएलसी के लिए हुए चुनाव में झांसी में निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सपा के अशोक कुमार को और कानपुर में निर्दलीय निर्दलीय राजबहादुर चंदेल ने हेमराज गौर को हराया।