शिखा पाण्डेय,
उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक पार्टियाँ विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का बल लगाकर रणभूमि में उतर चुकी हैं। उसी दिशा में आज बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपना चुनावी बिगुल फूंकते हुए आगरा में बड़ी रैली की। मायावती ने रैली में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा और अगली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया।
मुस्लिम व दलित बहुल इलाके में रैली कर बसपा ने न सिर्फ उनपर मोहजाल फेंका, बल्कि सवर्ण समाज को भी मोहित करने का ज़बरदस्त प्रयास किया। मायावती ने कहा कि बीजेपी और एसपी दोनों की आपसी साठ गांठ है और दोनों मिलकर जनता की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। लाल किले से दिए मोदी के भाषण की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि 15 अगस्त में जो उपलब्धि गिनाई गईं, वो ज़मीन पर नज़र नहीं आ रही हैं।
बीजेपी ने मात्र साम्प्रदायिक एजेंडे को दिया बढ़ावा-
मायावती ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा, “अच्छे दिन बुरे दिनों में तब्दील हो गए हैं। मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान गरीबों को सस्ता राशन, बिजली, पानी, सरकारी मकान देने की बात कही थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ। बीजेपी के दौर में बस सांप्रदायिक कट्टरवादिता, गोरक्षा, लव-जिहाद, हिन्दू राष्ट्र के नाम पर उत्पीड़न हो रहा है।” बीसीएपी सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी ने 6 साल तक राज किया और इस दौरान मात्र आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ाने का काम किया। किसानों की ज़मीन भूमि अधिग्रहण कानून के जरिये लेना चाहते थे, हमने विफल किया।”
खुद पर हुई टिप्पणी से बौखलाई मायावती ने कांग्रेस पार्टी की सीएम उम्मीदवार और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को दिल्ली को गन्दा करने वाली, दलित विरोधी के साथ-साथ बूढ़ी तक कह डाला।
मायावती ने कहा, ” मोदी ने कालाधन 100 दिन में लाने को कहा था, 20 लाख रुपये देने का वादा किया था। किसी को 1 रूपया भी नहीं मिला। ललित मोदी घोटाला, व्यापम घोटाला, विजय माल्या घोटाला। बीजेपी भी कांग्रेस की ही तरह है। उसपर बीजेपी आरएसएस के एजेंडे के तहत आरक्षण ख़त्म करने की तैयारी कर रही है।”