ब्यूरो,
नितीश सरकार भले ही बिहार में पूर्ण शराबबंदी का दावा कर रही हो, लेकिन शराब व्यापारी अपनी कमाई का व शराबी अपने नशे का तोड़ कहीं न कहीं से तलाश ही ले रहे हैं। लोग पड़ोसी राज्य खासकर झारखंड से जम कर शराब ला रहे हैं और इसका सबसे बड़ा जरिया बन गई है गंगा-दोमादर एक्सप्रेस। इसीलिए आजकल लोगों ने उस ट्रेन का नाम बदलकर मयखाना एक्सप्रेस रख दिया है।
पिछले एक माह का आंकड़ा देखें तो पाते हैं कि झारखंड से आनेवाली ट्रेनों से जम कर शराब ढोयी जा रही है और सबसे अधिक गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से शराब आ रही है। गंगा दामोदर एक्सप्रेस में रोजाना शराब के साथ एक-दो व्यक्ति गिरफ्तार भी हो रहे हैं। साथ ही लावारिस स्थिति में भी रोज़ शराब पकड़ी जा रही है।
एक माह में दस दिन गंगा-दामोदर से शराब जब्त हुई है। इसके अलावा पटना जंकशन व राजेंद्र नगर टर्मिनल पर आनेवाली गंगा-दामोदर, हटिया-पटना, कैपिटल, टाटा-दानापुर, धनबाद-पटना इंटरसिटी, भभुआ-पटना इंटरसिटी, टाटा सुपर फास्ट, इन ट्रेनों से भी आये दिन शराब पकड़ी जा रही है। सर्वाधिक शराब धनबाद से आ रही है।
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि तस्कर शराब से भरे बैग को लावारिस रख देता है और खुद ट्रेन में दूसरी जगह बैठ जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति पकड़ा नहीं जाता है। हालांकि ट्रेन में शराब नहीं पकड़ी गयी, तो तस्कर शराब लेकर जंकशन पर उतरता है, तो पकड़ा जाता है। ऐसे कई लोग पिछले दिनों पकड़े गये हैं।