विकास कुमार तिवारी । Navpravah.com
मुंबई,
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने करारा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दी है।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने लाभ के पद मामले में केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों की याचिका खारिज कर दी। एक माह पहले ही चुनाव आयोग ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। तभी चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के 21 विधायक संसदीय सचिव हैं, जो कि लाभ का पद है, इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है।
गौरतलब है कि आप विधायकों ने एक याचिका दायर की थी कि जब दिल्ली हाईकोर्ट में संसदीय सचिव की नियुक्ति ही रद्द हो गई है, तो ऐसे में ये केस चुनाव आयोग में चलने का कोई मतलब नहीं बनता। 8 सितंबर 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। बता दें कि वही विधायकों की याचिका को राष्ट्रपति ने दिल्ली की संसदीय सचिव विधेयक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इस विधेयक में संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था।
चुनाव आयोग ने बताया है कि यह मामला 13 मार्च, 2015 का है, जब आप ने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था, जो कि आप विधायकों के पास 8 सितम्बर 2016 तक था। बता दें कि 19 जून 2015 को प्रशांत पटेल नाम के एक वकील ने राष्ट्रपति के पास आप के संसदीय सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन दिया था, और शिकायत करते हुए कहा था कि यह लाभ का पद है, इसलिए आप विधायकों की सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए।
चुनाव आयोग के पास एक मई 2015 में जनहित याचिका भी डाली गई थी। जनहित याचिका को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने इन विधायकों को मार्च 2016 में सभी विधायकों को नोटिस देकर बुलाया था।
बताया जा रहा है कि 20 आप विधायकों पर केस चलेगा, जबकि विधायक जरनैल सिंह पर नही चलेगा, क्योंकि वह जनवरी 2017 में विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। अब चुनाव आयोग में अंतिम सुनवाई शुरू होगी। आप विधायकों को अब साबित करना होगा कि वे संसदीय सचिव के तौर पर लाभ के पद पर नहीं थे।