सिमटने लगा कानपुर का “शाहीन बाग”, मुस्लिम महिलाओं को धरना…

कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कर रहीं महिलाओं का धरना प्रदर्शन अब तीन जगहों तक सीमित हो गया है। इस दौरान भीड़ भी पहले से कम नजर आई। धरना खत्म करवाने के लिए पर्दे के पीछे पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लगातार लोगों से बातचीत कर रहे हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस को आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें दिसंबर से लेकर अब तक गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की रिहाई, सारी एफआईआर खारिज करने और हिंसा में मारे गए हर व्यक्ति के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे और कई पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की गई है।

बता दें ‎कि मोहम्मद अली पार्क में रविवार-सोमवार रात हुई पुलिसिया सख्ती के बाद सड़क पर धरना शुरू हो गया था। इस दौरान हजारों लोग सड़कों पर थे। माहौल सामान्य करने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिए गए दो युवकों को शांतिभंग की धाराओं में चालान करके छोड़ दिया था। साथ ही महिला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए भेजा था। पर्दे के पीछे हुई बातचीत से हालात कुछ सामान्य हुए।

बताया गया ‎कि धरना सिर्फ मोहम्मद अली पार्क, अजमेरी चौराहे और हलीम कॉलेज चौराहे पर चल रहा था। मोहम्मद अली पार्क के बाहर धरना दे रहीं महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने महिलाओं और लड़कियों से अभद्रता की थी। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं एक स्थानीय निवासी ने बताया कि महिलाओं को धरने के लिए वापस में पार्क में जाने के लिए राजी किया जा रहा था लेकिन शाम को भीड़ ज्यादा आने पर बात नहीं बन सकी। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने धरना देने वाली महिलाओं के घर नोटिस चस्पा किए हैं। वहीं एसपी ने बताया कि प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि वे शाहीनबाग की तर्ज पर धरना करना चाहती हैं। इन्हें उकसाने वाले संगठनों और लोगों की पहचान की जा रही है। महिलाएं कई जगह से हटी भी हैं।

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