शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
कर्नाटक की जनता अंततः ‘कंबाला’ पर लगा प्रतिबन्ध हटवाने में सफल हो गई है। कर्नाटक विधानसभा ने वहाँ की पारंपरिक भैंसा दौड़ यानि ‘कंबाला’ पर लगे प्रतिबंध को हटाने हेतु बिल पास कर दिया है। दरअसल तमिलनाडु में ‘जल्लीकट्टू’ को एक बार फिर मंज़ूरी मिलने के बाद से ही कर्नाटक के लोग ‘कंबाला’ को पुनः शुरू करवाने की जद्दोजहद में थे।
‘जल्लीकट्टू’ पर बैन हटने के बाद से ही कर्नाटक के तटीय इलाकों में खेले जाने वाले इस खेल पर भी प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा था। सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए छात्रों, कलाकारों और नेताओं ने विशाल प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के धीरे-धीरे होते व्यापक रुप को देखते हुए सरकार ने इस बिल को विधानसभा में पास कर दिया। इसके लिए राज्य सरकार ने पशु निर्दयता विरोधी कानून में संशोधन करने का फैसला किया, ताकि ये खेल दोबारा से राज्य में शुरू हो सके और लोगों की भावनायें परंपरा से जुड़ी रहे।
आपको बता दें कि कंबाला खेल कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस खेल की पहचान उत्तरी कर्नाटक और कंबाला उडुपी-दक्षिणी कर्नाटक के पारंपरिक खेल के तौर पर है।