नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में रविवार देर शाम नकाबपोश बदमाशों द्वारा हुई हिंसा पर अब सियासत भी तेज हो गई है। वहीं इस घटना के बाद से छात्र-छात्राओं में काफी आक्रोश है। JNU में नकाबपोश बदमाशों के उपद्रव में कई छात्र-छात्राएं और शिक्षक घायल हुए हैं। इसी बीच कांग्रेस ने JNU में हुई हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाया है।
JNU हिंसा को लेकर सोमवार को कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि इस हमले का भाजपा से संबंध है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल भी किया कि क्या गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हिंसा का तांडव हो सकता था? उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी संविधान पर हमले का विरोध हो, तो छात्रों की पिटाई। अब जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में!’
रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया, ‘JNU परिसर पर हमला सुनियोजित था। हमले को JNU प्रशासन का समर्थन हासिल था। गुंडों का संबंध भाजपा से था। छात्र और शिक्षक पीटे जाते रहे और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही। यह मोदी-शाह का छात्रों के लिए गुजरात मॉडल है।’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?
आपको बता दें, रविवार देर शाम को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉकी और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश बदमाशों कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। यहां उपद्रवियों ने जमकर तोडफ़ोड़ की और संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए JNU प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। दिल्ली पुलिस के अलावा कैंपस में पैरा मिलिट्री को भी तैनात करना पड़ा। वहीं JNU प्रशासन ने मामले में एफआइआर दर्ज करा दी है। इस हमले में करीब 25 लोग घायल हुए हैं।
इस हमले में छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोट आई है। उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। अन्य घायल भी एम्स में ही भर्ती हैं। तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी और सुचरिता भी घायल हुए हैं। हिंसा के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है।