नई दिल्ली।। वेस्ट बंगाल के चर्चित शारदा चिट फंड मामले में ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले IPS अफसर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीएम ममता बनर्जी के करीबी राजीव कुमार के खिलाफ CBI ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। अब अगर राजीव कुमार विदेश जाने की कोशिश करते हैं तो उनकी यात्रा से पहले सभी एयरपोर्ट अथॉरिटी CBI को सूचना देंगे। जारी किया गया यह नोटिस एक वर्ष तक प्रभावी रहेगा।
राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है। CBI राजीव कुमार को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ करना चाहती है। राजीव कुमार को 24 मई तक गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ था। गिरफ्तारी से छूट मिलने की अवधि बढ़ाये जाने को लेकर राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट भी गये थे, जहां उन्हें झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोलकाता हाईकोर्ट जाने के लिये कहा था।
कभी भी गिरफ्तार किये जा सकते हैं राजीव कुमार
गिरफ्तारी से मिली राहत की अवधि समाप्त होने के बाद अब राजीव कुमार को CBI कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। उत्तर प्रदेश के संभल मेें उनके पैतृक घर पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां राजीव कुमार की तलाश में लग गई हैं। बता दें, पश्चिम बंगाल की अदालतों के वकील हड़ताल पर हैं। इसलिए राजीव कुमार चाहकर भी कलकत्ता हाईकोर्ट का रूख नहीं कर पा रहे हैं।
क्यों गिरफ्तार करना चाहती है CBI
इन घोटाले की जांच के लिए वर्ष 2013 में ममता सरकार ने SIT का गठन किया था। इसकी अगुवाई स्वयं राजीव कुमार कर रहे थे। बाद में इस मामले को CBI के पास भेज दिया गया था। CBI का दावा है कि केस ट्रांसफर होने के बाद भी राजीव कुमार ने कई सबूतों को उन्हें नहीं सौंपा और छिपाने की कोशिश की। राजीव कुमार से कई बार CBI पूछताछ भी कर चुकी है, लेकिन उनपर सहयोग न देने का आरोप लगता रहा है।
राजीव कुमार को लेकर राज्य और केंद्र सरकार में बवाल
इससे पहले CBI कोलकाता में राजीव कुमार के ठिकाने पर छापेमारी की कोशिश कर चुकी है, मगर उस दौरान कोलकाता पुलिस से CBI टीम की भिड़ंत हो गई थी और पुलिस ने CBI के अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया था। यह मामला केंद्र की मोदी और राज्य की ममता बनर्जी सरकार के बीच टकराव के तौर पर भी देखा गया था।