भारतीय रेल की ‘विकल्प’ योजना: अब लम्बी क़तारों से मिलेगी मुक्ति

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

बच्चों की छुट्टियां पड़ने पर या त्योहारों के सीज़न में गांव जाने के लिए टिकट की कतार में घंटों पसीना बहाने वालों के लिए भारतीय रेल एक अद्भुत ‘विकल्प’ लेकर आई है। जी हां! भारतीय रेल द्वारा जल्द ही ‘विकल्प’ योजना की शुरुआत की जाने वाली है। इस योजना के तहत मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में टिकट बुक कराने वाले यात्री उसी मार्ग से जाने वाली राजधानी, शताब्दी, दुरंतो या सुविधा जैसी प्रीमियर ट्रेनों से गंतव्य तक यात्रा कर सकेंगे।

क्या हैं खास बातें-

– विकल्प योजना में प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेन में कंफर्म बर्थ मिल सकेगी। इसके लिए टिकट बुक कराते समय विकल्प सुविधा का चयन करना होगा।
– यह योजना एक अप्रैल से हर मार्ग के लिए प्रभावी हो जाएगी। आपको बता दें कि फिलहाल ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के तहत दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-मुंबई रेलखंड पर ‘विकल्प’ योजना पिछले साल एक नवंबर से प्रभावी है।
– नियमानुसार दूसरे ट्रेन में कंफर्म टिकट के एवज में यात्रियों से किसी भी तरह का न तो अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा और न ही किराये में अंतर आने पर लौटाया जाएगा।
– विकल्प योजना का उद्देश्य प्रीमियर ट्रेनों जैसे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, सुविधा और अन्य विशेष ट्रेन में खाली रह गई सीटों का उपयोग करना है।
– विकल्प योजना का लाभ पहले ऑनलाइन उपलब्ध होगा। मौजूदा सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद काउंटर पर भी इसके साथ टिकट मिल सकेंगे।
– इस योजना के तहत टिकट बुक होने के बाद संबंधित यात्री के मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट आएगा। हालांकि, इसमें यात्री का नाम नहीं होगा। साथ ही प्रतीक्षा सूची से भी उनका नाम हटा दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि रेलवे को हर साल टिकट रद कराने के एवज में तकरीबन 7,500 करोड़ रुपये रिफंड करने पड़ते हैं। इस योजना के अमल में आने से कुछ हद तक इसकी भरपाई की जा सकेगी। रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘विकल्प’ योजना को यात्रियों के अनुकूल बताते हुए कहा कि प्रीमियर ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया लाने से कुछ बर्थ खाली रह जाती हैं, जबकि उसी समय मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को सीट नहीं मिलती है। इसके जरिये दो उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा। पहला, यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा और दूसरा, रिक्त सीटों का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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