ब्यूरो | navpravah.com
भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) संगठन पर भले ही बैन लगा रखा है, लेकिन देश के भिन्न-भिन्न भागों में आज भी इनके कार्यकर्ताओं का किसी न किसी माध्यम से सामाजिक सरोकार में सक्रियता दिखाई दे ही जाती है। पीएफआई (PFI ) को पिछले साल आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत भारत मे 5 सालों के लिए बैन कर दिया गया है।
वर्तमान में PFI की हर मूवमेंट पर NIA ने पैनी नजर बनाए रखी है। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 6 राज्यों के लगभग दर्जन भर से अधिक PFI ठिकानों पर एक्शन लेते हुए सघन छापेमारी की है। जिसमें उत्तर प्रदेश ,राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य भी शामिल हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी से संबंधित गोपनीय सूत्रों के अनुसार PFI के सदस्य अंडरग्राउंड रहकर, देश के बाहर से एवं अलग-अलग माध्यमों से देश विरोधी अभियानों को हवा देने में जुटे हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये छापेमारी केस नंबर 31/2022 के तहत की गई है। ये मामला पीएफआई, उसके नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से जुड़ा हुआ है। NIA जांच अधिकारियों अनुसार, जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री मोदी के पटना दौरे के दौरान आत्मघाती हमले की साजिश रची गई थी। जिसके अंतर्गत PFI के सदस्यों का मूल मकसद प्रधानमंत्री मोदी की हत्या कर सामाजिक सौहार्द को निरस्त करना था।
इस क्रम में पटना के फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने को लेकर मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़ा हुआ था, जिसे बाद में NIA ने दर्ज मामले के जांच की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी।