अनुज हनुमत
मुंबई। पहले मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने मंत्रिमण्डल विस्तार किया, फिर केंद्र सरकार ने और अब आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 11 नए मंत्रियों को शामिल किया है। मंत्रिमण्डल विस्तार में 10 नए चेहरों को जगह दी गई है। इस पूरे विस्तार में शिवसेना के किसी भी नेता को कैबिनेट में जगह नहीं दिया।जिससे पार्टी में नाराजगी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में तो शिवसेना की सिरे से उपेक्षा की गई थी, लेकिन फडणवीस ने शिवसेना के दो विधायकों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। नाराज़गी अभी भी बनी है क्योंकि बीजेपी ने शिवसेना के किसी नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दिया।
आज सुबह विधानभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की गैरमौजूदगी से पार्टी की नाराजगी बिलकुल स्पष्ट थी। छह विधायकों ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ली, उनमें से एक राम शिंदे को गृह राज्यमंत्री (ग्रामीण) के पद से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
शिवसेना के मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना से विधायक अजरुन खोतकर और उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से विधायक गुलाबराव पाटिल को कनिष्ठ मंत्री बनाया गया है। पाटिल भाजपा के पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से के गृह नगर जलगांव से हैं, जबकि खोतकर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रावसाहब दानवे के गृह जिल जालना से हैं। बीजेपी की चुनाव पूर्व सहयोगी स्वाभिमानी पार्टी के सदाभाउ खोत और राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) के महादेव जानकर ने भी शपथ ली है। जानकर कैबिनेट मंत्री बने हैं।
कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले भाजपा के विधायकों में राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष पांडुरंग फुंडकर, डौंडेचा (धुले) से विधायक जय कुमार रावल, निलांगा से सांभाजी पाटिल निलांगेकर और सोलापुर से विधायक सुभाष देशमुख शामिल हैं।बीजेपी के विधायक रविंद्र चव्हाण और मदन येरावर ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली है। राज्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले पांच अन्य लोगों में शिवसेना के दो, भाजपा के दो और एक अन्य गठबंधन सहयोगी से है।