सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ये दावा कर रहे हैं कि अपराधी प्रदेश से पलायन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा किये जा रहे अत्याचारों के मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला यूपी के देवरिया में सामने आया है जिसमें पुलिस पर एक लड़के की हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल ये आरोप पीड़ित के भाई व परिजन ही लगा रहे हैं। पीड़ित 28 वर्षीय विकास तिवारी मूलतः बिहार का निवासी है जो किसी पारिवारिक कार्यक्रम में अपने दोस्तों के साथ यूपी के देवरिया जिले के रामगुलाम टोला में आया था। गत 23 जुलाई को विकास का शव बैकुंठपुर के पास गंडक नदी के किनारे मिला। मृतक विकास के परिवार वालों का कहना है कि, ‘विकास जब देवरिया के पास रात 9 बजे तीन युवक बाइक से जा रहे थे, तभी पास के हाइवे पर कुछ पुलिस वालों ने उन्हें रोका और अपनी धाक जमाते हुए पैसे की मांग करने लगे, तभी 28 वर्षीय विकास तिवारी ने पुलिस वालों से उनके आइडी कार्ड दिखाने को कहा लेकिन पुलिस वालों ने मना कर दिया और तीनों लड़कों के साथ मारपीट शुरू कर दी। किसी तरह एक युवक वहाँ से भाग गया और बाकी दोनों युवकों को पुलिस वालों ने मारना शुरू कर दिया, विकास तिवारी नामक युवक को पुलिस ने ज्यादा मार दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी, घबराये पुलिस वालों ने आनन फानन मे विकास की लाश को गंडक नदी पर फेंक दिया और तीसरे युवक को अपने गिरफ्त मे ले लिया।’
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार विकास की मौत गहरे पानी मे डूबने से हुई है, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब विकास का शव मिला तो उसके नाक मे रूई थी, अगर विकास की मौत डूबने से हुई तो नाक मे रूई का टुकड़ा कहाँ से आ गया?
विकास के बड़े भाई विवेकानंद तिवारी ने पुलिस पर इल्जाम लगाते हुए केस दर्ज कराया है कि उनके भाई की मौत का कारण पुलिस है, इसलिए जल्द से जल्द उन पर कारवाई की जाये।
विवेकानंद तिवारी का कहना है कि पुलिस वालों की वजह से उनके छोटे भाई की मौत हुई है, 23 जुलाई को घटना हुई, लेकिन पुलिस वालों ने एफआईआर 27 जुलाई को दर्ज की है। उनका कहना है कि भाई की मौत से उनका पूरा परिवार सदमे मे है और हमे अपने भाई के हत्यारों को सलाखों के पीछे देखना है। पुलिस अधिकारी अपनी वर्दी बचाने के लिए कार्यवाही करने से आनाकानी करते नजर आ रहे हैं । यदि समय चलते उन्हें प्रशासन से किसी प्रकार की कार्यवाही होते नजर नहीं आई तो व्यापक आन्दोलन करेंगे ।
बेहद चिंताजनक हालत है उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की। योगी से कुछ नहीं संभल रहा है।