लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने के साथ उनमें शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। योगी ने कांग्रेस सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा बांदा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में असाध्य रोगों, हृदय संबंधी दिक्कतों और हेड-इंजरी के मरीजों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। सिद्दीकी ने कहा कि बांदा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ और तकनीशियन मौजूद नहीं है। उनके सवाल पर चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि संविदा पर भर्ती के साथ 694 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास भेजा जा चुका है और कुछ मामलों में इश्तेहार भी जारी किए गए थे।
उन्होंने सदन को बताया कि कुछ पदों पर इंटरव्यू करके उनमे आगे की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि फैकल्टी की कमी है, उसको दूर करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से परमिशन ली गई है कि कैसे प्रांतीय चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों को उनकी डिग्री और अनुभव के साथ मेडिकल कॉलेजों में रखा जाए। इस पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एमसीआई ने भी इस संबंध में कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करके निकलने वाले छात्रों से बांड भराया जाएगा, जिसके तहत उनको ग्रामीण इलाकों में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी। जिन भी उपकरणों और विशेषज्ञों की जरूरत होगी, उसका इंतजाम सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि तकनीशियनों की कमी है, लेकिन उसको दो-तीन साल में पूरा नहीं किया जा सकता। पिछले 25-30 सालों में भर्तियां नहीं हुईं, इसी कारण से दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि 2016 से पहले प्रदेश में कुल 12 मेडिकल कॉलेज थे। इस सरकार में 29 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें से सात खुल गए हैं, और बाकी के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।