वाराणसी का एक गाँव बना कैशलेस, यहाँ किन्नर स्वाइप मशीन से लेते हैं नेग

सौम्या केसरवानी,

नोटबंदी के बाद जहां पूरे देश में हालात खराब चल रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मिसिरपुर गांव में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए किसानों को स्मार्ट फोन और दुकानदारों को माइक्रो एटीएम मशीन दी गई है। अब यह गांव पहला कैशलेस गांव बन गया है। इसके अलावा शहर में किन्नरों के स्वाइप मशीन से नेग लेने के बाद अब शहर की प्रमुख मिठाई व गोलगप्पा की दुकानों, यहां तक की सैलून में भी स्वाइप मशीन से पेमेंट लिया जा रहा है।

मोदी के कालेधन खिलाफ चलाई जा रही मुहिम की पूरा देश जहां परेशानी के बाद भी समर्थन कर रहा है, वहीं वाराणसी के निवासी भी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

लोगों में जागरूकता लाने, कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए के लिए बैंक ने एक जनसभा का आयोजन किया। गांव में जनसभा का आयोजन बैंक के वाराणसी क्षेत्र प्रमुख शिशिर भूषण प्रसाद ने करवाया। उन्होंने कहा कि कैशलेस ट्रांजेक्शन से देश में काला धन की समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘मेरा मोबाइल मेरा बैंक मेरा बटुआ’ योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को 10 हजार तक का स्मार्टफोन दो वर्ष के लोन पर दिया जाएगा।

गांव में फ्री वाईफाई जोन बनने से 50 मीटर के दायरे में लोग इंटरनेट का मुफ्त इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंक के उप क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार ने बताया कि स्मार्ट फोन में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रदत्त डिजिटल एप्प एम कनेक्ट, एम बड़ौदा, एम क्लिप व एम पासबुक आदि मौजूद है। उन्होंने बताया कि नए-पुराने 2200 खाताधारकों को एटीएम कार्ड जारी किया गया है। चाय, पान नाई व किराना के 25 दुकानदारों को नि:शुल्क माइक्रो एटीएम मशीन दी गई है।

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