अनुज हनुमत,
एक तरफ यूपी में सभी को चुनाव की तारीखों का बेसब्री से इन्तजार है, वहीं दूसरी तरफ सूबे का सियासी पारा भी आसमान छूता जा रहा है। प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी एक बार फिर अपने अंतर्कलह से सुर्खियों में हैं।
टिकट के बंटवारें को लेकर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव फिर आमने सामने हैं। आज पूरे दिन हुए सियासी घटनाक्रम में शाम होते होते अखिलेश यादव ने बढ़त बना ली है। तमाम सियासी घटनाक्रम के बीच विधानसभा चुनाव से ऐन पहले समाजवादी पार्टी के टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
आपको बता दें कि आज लखनऊ में सुबह से चल रही मैराथन बैठकों के बाद शाम को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने 167 उम्मीदवारों की सूची बनाई है। सूत्रों की मानें तो उम्मीदवार साइकिल पर नहीं बल्कि अलग चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। बताया जा रहा कि कुछ ही देर में अखिलेश अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि क्या अखिलेश इतना बड़ा फैसला ले पाएंगे!
सूत्र तो यहाँ तक बता रहे हैं कि ये सभी प्रत्याशी सपा प्रत्याशियों के खिलाफ ही मैदान में उतरेंगे। हालांकि सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद शाहिद ने कहा कि पार्टी में कोई टूट नहीं हुई है। न ही ऐसी कोई लिस्ट जारी हुई है। वहीं अखिलेश समर्थक एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि अखिलेश यादव ने 167 लोगों की सूची नेताजी को दी है, क्योंकि वो दागियों के खिलाफ हैं।
कल जारी हुई लिस्ट में कुछ बड़े नामों को काट दिया गया था जिससे अखिलेश यादव काफी नाराज बताये जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने मुलायम के घर कहा कि किस सर्वे में गोप, रामगोविंद चौधरी, पवन पांडे हारते दिखाई दे रहे हैं?
शिवपाल ने अपने सर्वे परिणाम नेताजी के सामने रखे। वहीं अखिलेश ने भी अपने सर्वे के परिणाम नेताजी के सामने रखे, जिसके आधार पर सीएम ने तैयार की थी अपनी लिस्ट। फिलहाल ये तो आने वाले समय में स्पष्ट हो जायेगा कि सपा का ये हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा कहाँ जाकर रुकेगा, लेकिन अगर जानकारों की मानें तो इस घमासान से पार्टी का चुनावी गणित जरूर बिगड़ सकता है ।