सौम्या केसरवानी,
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किए गए बंगले अब खाली नहीं करने होंगे। बंगाल खाली किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों के होश उड़े हुए थे, लेकिन अखिलेश यादव की सरकार ने आज विधानसभा में इससे सम्बंधित बिल पास कर दिया। अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिए हुए बंगलों के आवंटन पर कानूनी मुहर लगा दी गई है।
मुलायम सिंह यादव, मायावती, राजनाथ सिंह, एन डी तिवारी, कल्याण सिंह और राम नरेश यादव, ये वो छः नेता हैं, जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री यूपी पर राज किया। इनको राज्य सरकार की ओर से एक अधिनियम के तहत नाम मात्र के किराये पर बंगले अलॉट हैं। ये बंगले उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री मिले हैं, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास दो महीने के भीतर खाली कर दें।
1997 में यूपी सरकार ने एक नियम बनाया जिसके तहत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने का प्रावधान लाया गया था, सरकार का तर्क था कि पूर्व मुख्यमंत्री जनता की सेवा करते हैं, इसलिए उन्हें ये सेवा दी जाती है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एक गैर सरकारी संगठन ने कहा कि संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक कि यूपी के अपने कानून के तहत भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर देने का कोई प्रावधान नहीं है। ये आदेश रद्द नहीं किया गया तो बाकि राज्य भी ऐसे आदेश जारी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद इस पर फैसला सुनाया कि वे दो महीने में सरकारी बंगला खाली करें। साथ ही जितने वक्त तक ये लोग बंगले में रहे, उतने वक्त का वाजिब किराया भी चुकाएगें।