सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में कार सेवकों ने विवादित बाबरी ढांचे को ढहा दिया था। इस घटना को 25 साल हो गये हैं, इस घटना के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे भड़के थे। भारत ही नहीं, बाबरी विध्वंस की आग पड़ोसी देश पाकिस्तान-बांग्लादेश समेत कई देशों में भी भड़की थी। पड़ोसी देश पाकिस्तान में तो इस घटना के बाद करीब 100 मंदिरों गिराकर उसे नुकसान पहुँचाया था।
जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के फोटो पत्रकार और बीबीसी से जुड़े शिराज हसन ने वहाँ के मंदिरों के फोटोज शेयर कर ट्विटर पर दावा किया है, “1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पाकिस्तान में करीब 100 मंदिरों को दंगाइयों ने निशाना बनाया था। इन अधिकांश मंदिरों में 1847 के देश बंटवारे के शरणार्थी रहते थे।”
https://twitter.com/ShirazHassan/status/938833079388590080
हसन ने आगे लिखा कि, “हमने इन खंडहर मंदिरों में रह रहे कई लोगों से बातचीत की है, इन लोगों ने साल 1992 के उस भयावह मंजर को याद करते हुए कहा कि हमने दंगाइयों से रहम की अपील की थी और कहा था कि यह हमारा आशियाना है, इसे मत तोड़ो लेकिन वो नहीं माने।”
हसन ने एक अन्य ट्वीट में रावलपिंडी के ही कल्याण दास मंदिर की भी तस्वीर साझा की है, जहां आजकल दृष्टिहीनों का एक सरकारी स्कूल चलता है। स्कूल से जुड़े लोगों ने उन्हें बताया कि दंगाइयों ने यहां भी हमला बोला था, लेकिन बहुत निवेदन करने के बाद उसे बचा लिया गया था।
उस समय पाकिस्तान, बांग्लादेश और इरान समेत कई देशों में तो भारतीय दूतावासों पर हमले भी हुए थे, पाकिस्तान और बांग्लादेश में एंटी हिन्दू दंगे भी भड़के थे। यहाँ तक इरान ने तेल सप्लाय रोकने की धमकी दे डाली थी।