सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
हैदराबाद में साल 2005 में हुए आत्मघाती विस्फोट मामले में हैदराबाद की महानगर सत्र अदालत ने सभी 10 आरोपियों को अब बरी कर दिया गया है, हैदराबाद ब्लास्ट केस में अदालत ने आरोपियों को दोषी नहीं माना क्यूंकि उनके पास सबूतों अभाव था, इनमें से एक आरोपी कलीम पिछले 12 साल तक जेल में बंद रहा, उसका पारिवारिक जीवन खत्म हो चुका है।
हैदराबाद के बेगमपेट इलाके में 12 अक्टूबर, 2005 को कार्यबल कार्यालय में एक बांग्लादेशी आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में एक होमगार्ड की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। केस की जांच कर रही SIT ने दावा किया कि इस हमले के पीछे बांग्लादेशी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी का हाथ था।
वहीं एक आरोपी गुलाम यजदानी दिल्ली में मारा गया था, बचाव पक्ष के वकील अब्दुल अजीम ने बताया कि अभियोजन पक्ष सबूत पेश करने में असफल रहा, लिहाजा अदालत ने सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था।