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‘स्टार्टअप इंडिया’ कैंपेन की शुरुआत होते ही मुंबई के दौरे पर गए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठा दिए. राहुल गांधी ने स्टार्टअप को असहनशीलता से जोड़ दिया. राहुल ने आरएसएस की सोच का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा माहौल में स्टार्टअप कैसे.
मुंबई के एक मैनेजमेंट कॉलेज में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि स्टार्टअप के लिए बुनियादी ढांचे की जरूरत है और लालफीताशाही इसमें बड़ी समस्या है. जीएसटी पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि जीएसटी बिल कांग्रेस ही लेकर आई थी और भाजपा 7 सालों तक उसमें टांग अड़ाती रही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘कर’ पर कोई सीमा नहीं चाहती बल्कि विवादों के निष्पक्ष एवं उचित समाधान की व्यवस्था चाहती है.
छात्रों से बात करने के बाद राहुल ने बांद्रा से धारावी तक पदयात्रा की. स्टार्ट अप के बाद राहुल गांधी ने ‘मेक इन इंडिया’ पर भी निशाना साधा. एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी तक पदयात्रा कर के पहुंचे राहुल ने कहा, ‘मेक इन इंडिया’ की असली ताकत बड़े उद्योगपतियों से ज्यादा धारावी जैसे जगह पर रहने वाले छोटे कारोबियों में है. राहुल द्वारा धारावी में इस वक़्त यह बयान देने का कारण मोदी के अगले महीने के मुंबई दौरे को बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी अगले महीने 13 फरवरी को 200 बड़ी कंपनियों के अध्यक्षों की मौजूदगी में मेक इन इंडिया वीक का उद्घाटन करने धारावी से सटे बीकेसी ग्राउंड में शिरकत करेंगे. उसी जगह राहुल के भाषण पर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट के छात्रों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. कई छात्रों का कहना है कि राहुल के भाषण में कुछ ज़्यादा ही राजनीती थी. उनका कहना था कि राहुल को राजनीति पर अपना दृष्टिकोण और खुलकर सामने रखना चाहिए था.
छात्रों के अनुसार राहुल को सिर्फ और सिर्फ राजनीती की बजाय हमारे विज़न के बारे में भी पूछना चाहिए था व थोड़े अराजनीतिक मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए थी. भारतीय राजनेताओं को ‘जैसे को तैसा ‘वाली भावना छोड़ देनी चाहिए. सरकार व विपक्ष दोनों को मिलकर काम करना चाहिए.