Bureau@Navpravah.com
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय हसबोले ने एक कार्यक्रम के दौरान लैंगिक संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सेक्स का चुनाव हर व्यक्ति का निजी मामला है और वह इसका निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय हसबोले ने एक कार्यक्रम के दौरान समलैंगिकता को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा कि सेक्स का चयन किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मसला है और यह तब तक किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आना चाहिए, जब तक वह किसी दूसरे व्यक्ति के निजी जीवन पर कोई असर न डाले।
हालाँकि इस बयान के बाद ही कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को अपनी राय स्पष्ट करने की मांग की है। हसबोले के इस बयान के बाद जब विवाद बढ़ने लगा तब उन्होंने कहा कि वे समलैंगिक शादियों के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने यह यह कहा था कि समलैंगिक संबंधों पर सज़ा नहीं होनी चाहिए।
इसी कार्यक्रम में हसबोले ने विपक्ष की उस बात का खंडन किया, जिसमें अक्सर आरोप लगाया जाता है कि बीजेपी आरएसएस के रिमोट कण्ट्रोल से चलती है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि संघ से जुड़े दो लोगों ने देश प्रधानमंत्री पद की शोभा बढ़ाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुझाव कोई भी दे सकता है।